बैतूल

भ्रष्टाचार के मामले में पांढुर्णा पंचायत बनी चैंपियन

आठनेर मुकेश सोनी- वैसे तो पंचायत एवं उससे जुड़े कोई भी पदाधिकारी एवं कर्मचारी दूध के धूले नहीं है। किसी के नाम से कोई रिकॉर्ड बना है तो किसी के नाम से कोई अन्य रिकॉर्ड बना है, तात्पर्य भ्रष्टाचार के लिए जब अवार्ड देने की बाद आय़ेगी तो सभी के बीच बराबरी का मुकाबला होगा और सभी अवार्ड प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे इसी कडी में विकास खंड आठनेर की ग्राम पंचायत पांढुर्णा की बात की जाये तो हमने पूर्व में विभिन्न शीर्षको के माध्यम वहां पनप रहे भ्रष्टाचार की खबरे प्रमुखता से प्रकाशित की थी यदि जवाबदारों के कानों में जूं नहीं रेंग रही है तो फिर से एक बार अवलोकन कर लिजिए —

1-पत्रकार को सफाई कर्मी बताकर कर दिया भुगतान (दिनांक 29/12/2022),

2-मिलीभगत के खेल में

3- आंगनवाड़ी भवन अधूरा (दिनांक 17/12/2022)

4-अंधा बाटे रेवड़ी अपनो, अपनो को दे,

5-पंचायत द्वारा जेसीबी का उपयोग मानव श्रम की उपेक्षा,

6-पंचायत में हो रहा शासकीय सामग्री का दुरूपयोग (22/12/2022),

7-पंचायत में हो रहा भ्रष्टाचार सरपंच सचिव काट रहे चांदी (31/10/2022).

8-आंगनवाड़ी भवन जस का तस सरपंच सचिव ने किया कार्य से अधिक का आहरण (07/11/2022)

 

इस प्रकार शासकीय राशि के दुरूपयोग के लिए आदत से मजबूर सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं उनसे जुड़े अधिकारियों के लिए ग्राम पंचायत पांढुर्णा चरागाह साबित हो रही हैं। एक नया मामला पुन: प्रकाश में आया है जहां सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक तथा उससे जुड़े जनपद के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघ दी हैं। मामला इस प्रकार है-

ग्राम पंचायत पांढुर्णा के पोषित ग्राम बाबरया में सुंदर के खेत के पास, जूनावानी मार्ग पर विधायक निधि से पुलिया निर्माण किया जाना बताया गया हैं। पुलिया निर्माण हेतु पांच लाख की भारी भरकम राशि स्वीकृत की गई थीं। राशी स्वीकृति का टीएस नंबर 338 दिनांक 21/10/2020 हैं। पुलिया कच्ची सडक पर एवं लोगों की आवाजाही से दूर है जहां सरपंच, सचिव ,रोजगार सहायक को राशि डकारने का भरपूर अवसर मिल गया था। पुलिया निर्माण हेतु मात्र 03 सीमेंट के पाईप लाकर रख दिए गए है जिस पर कुल राशि ₹328775 (तीन लाख अठ्ठाईस हजार सात सौ पचहत्तर) व्यय बताकर आहरित कर लिए गए हैं।

एक पाईप की अनुमानित कीमत पन्द्रह हजार के लगभग होती है इस मान से दो पाईप की कीमत लगभग तीस हजार होगी। बाकि कि राशि कहां गई यह जांच का विषय हैं। क्योंकि सबकी जेबों में अपना-अपना हिस्सा पहुंच जाता है इसलिए तेरी भी चुप मेरी भी चुप वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। पुलिया निर्माण हेतु ना तो खुदाई की गई है ना ही कोई कार्य नजर आ रहा हैं। इस प्रकार व्यय से अधिक की राशि आहरित कर राशि का बंटवारा हो चुका हैं। मामले की जांच प्राथमिकता से की जाकर दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए। ग्रामीणो के सामने जब यह मामला आया तो सभी ने कार्यवाही नही होने की दशा में जन आंदोलन की चेतावनी दी है ।

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