नितेश गोयल, हरदा। प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं चना खरीदी का औपचारिक शुभारंभ तो २५ मार्च को कर दिया है। लेकिन समर्थन मूल्य पर की जाने वाली यह खरीदी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। देखने वाली बात यह है कि किसान तो अपनी उपज तत्काल बेचकर कर्ज चुकाने और तीसरी फसल मूंग बोने की तैयारी में जुटना चाहता है। लेकिन इस बार प्रशासन ने ऐसा पैंच फंसाया है कि अधिकांश किसान फसल बेच पाएंगे भी कि नहीं, इस पर भी संशय है। इस बार स्लॉट बुकिंग के माध्यम से समर्थन मूल्य पर खरीदी का कार्य किया जाना है। किसान अपनी सुविधा के अनुसार केंद्र का निर्धारण कर अपनी उपज बेच सकता है। लेकिन जिले के अधिकांश किसानों के स्लॉट बुक ही नहीं हो पा रहे हैं। स्लॉट बुक न होने का कारण सिर्फ इतना बताया जा रहा है कि आपका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है। पहले आप अपना खाता आधार से लिंक करवाएं। इसके बाद ही स्लॉट की बुकिंग होगी। देखने में तो यह बात छोटी सी लगती है कि बैंक जाकर आधार कार्ड लिंक कराओ और स्लॉट बुक हो जाएगा। लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है। अधिकांश किसानों के बैंक खाते वर्षों से आधार से लिंक है, उन्होंने पिछले वर्ष भी मूंग एवं गेहूं चना की फसल समर्थन मूल्य पर बेची थी। किसान सम्मान निधि तक आधार के माध्यम से किसानों के खातों में आ रही है। इसके बावजूद आधार लिंक कारण बताकर स्लॉट बुकिंग कार्य नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम बालागांव के किसान हरिओम ने बताया कि उसका बैंक खाता आधार से लिंक है। शासन द्वारा ट्रायल के तौर पर भेजे गए १-१ रुपए भी तीन बार खातें में आ गए हैं। इसके बावजूद उनका स्लॉट बुक नहीं हो पा रहा है। इसी तरह झुंडगांव के किसान जगदीश प्रसाद ने बताया कि वर्षों से समर्थन मूल्य पर उपज बेचने एवं अन्य माध्यमों के लिए वह अपने बैंक खाते का उपयोग कर रहे हैं। जो कि आधार से लिंक है। इसके बावजूद स्लॉट बुक नहीं हो पा रहा है। बैंक जाकर पता किया तो बैंक कर्मियों का कहना है कि आपके उप नाम में परिवर्तन कराना पड़ेगा। आप पहले आधार अपडेट करवाएं, इसके बाद ही आपके खाते को पुन: आधार से लिंक कराया जाएगा। जिले के यह एक-दो किसान ही नहीं, बल्कि हजारों किसान हैं, जो इसी समस्या से जूझ रहे हैं।
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