नहर चौपाल….
– ग्राम कनारदा में लगाई नहर चौपाल
– अफसरों ने ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं
अनोखा तीर, हरदा। निकटवर्ती ग्राम कनारदा में बुधवार को नहर चौपाल का आयोजन हुआ। जिसमें विभागीय अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा कनारदा सहित आसपास के ग्राम रहटॉखुर्द, धुरगाडा, खारपा, सुल्तानपुर एवं झुंडगांव के किसान उपस्थित रहे। इस मौके पर जल संसाधन विभाग ने किसानों को जल की उपयोगिता तथा महत्वता पर केन्द्रीत एक लघु फिल्म प्रदर्शित की। जिसके जरिये किसानों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। साथ ही नहर सिंचाई से जुड़े अन्य बिन्दूओं पर चर्चा की, वहीं मुख्य रूप से जल का अपव्यय रोकने पर जोर दिया गया। किसानों ने कहा कि सिंचाईं के लिए भरपूर पानी मिल रहा है। परंतु , नहर में जगह-जगह हेडअप एंव लगातार फैल रहा अतिक्रमण चिंता का विषय है। जिस पर प्रभावी कार्यवाही की दरकार है। नहर चौपाल में शामिल किसानों ने राजस्व वसूली में सहयोग प्रदान किया। अधिकारियों ने किसानों का 1 लाख 74 हजार 366 रूपए राजस्व जमा किया। इस मौके पर किसानों ने अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन भी दिए। जिनमें से अधिकांश आवेदनों का मौके पर समाधान किया गया। वहीं शेष का अतिशीघ्र समाधान करने का भरोसा दिलाया गया। नहर चौपाल में संयुक्त कलेक्टर डीके सिंह, कार्यपालन यंत्री डीके सिंह, जनपद सदस्य यशवंत पटेल, सरपंच विक्की पटेल, राकेश पटेल, बद्रीप्रसाद जोशी, अनुविभागीय अधिकारी मौसम पोर्ते, केआर बिलारे, सचिव भूपेन्द्र सोनी समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी तथा ग्रामीण उपस्थित थे।
चौपाल के खास बिन्दू….
गांव के रामजीवन जोशी ने किसानों को थमाये गए जलकर के नोटिस का मुद्दा उठाया। जिसके जबाव में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग डीके सिंह ने कहा कि मप्र सिंचाईं अधिनियम अंतर्गत बिल प्रदान किए गए हैं। उन्होंनें जलकर की प्रक्रिया भी समझाई। जिस पर किसान संतुष्ट दिखाई दिया। कनारदा के राकेश पटेल ने जगह-जगह बनाए गए हेडअप की शिकायत की। इस दौरान उन्हें बताया कि वर्तमान में सिंचाईं कार्य बंद है। आगामी सिंचाईं दौरान नहर में अवैद्यानिक हेडअप के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। इसके लिये मैदानी अमले को पाबंद किया। ग्राम पंचायत सचिव भूपेन्द्र सोनी ने उपशाखा की धाकड़ वाली पुलिया से गणेश जोशी के खेत तक सीमांकन कराए जाने की आवश्यकता बताई। जिस पर कार्यपालन यंत्री श्री सिंह ने एसडीओ को सीमांकन कर सचिव को अवगत कराने के निर्देश प्रदान किए हैं।
ग्रामीण बोले, सीमांकन जरूरी
किसानों से वन टू वन चर्चा दौरान कनारदा के बद्रीप्रसाद जोशी ने नहर के अंतिम छोर पर निकासी का इंतजाम, मूंग सिंचाई का प्रस्तावित क्षेत्र तथा नहरों पर हो रहे अतिक्रमण की बात कही। जिसके जबाव में अधिकारी ने अंतिम छोर पर नष्ट हो चुके वाटरकोर्स की बात स्वीकार की, वहीं संबंधित किसानों को पुन: वाटरकोर्स तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मूंग सिंचाईं को लेकर कहा कि ये सब जिला जल उपयोगिता की बैठक में तय होगा। वहीं अतिक्रमण के मुद्दे पर उन्होंनें अनुविभागीय अधिकारी को सीमांकन तथा नहर किनारे वृक्षारोपण के निर्देश दिए हैं। साथ ही ग्राम पंचायत को जल संसाधन विभाग से विधिवत अनुमति लेकर नहर की जगह पर सड़क निर्माण की सलाह भी दी है।