अनोखा तीर, हरदा। प्रदेश सरकार की शासकीय योजनाओं में पीएम आवास योजना एवं जल जीवन मिशन की हकीकत जानने राजीव गांधी पंचायती राज संगठन गांव-गांव भ्रमण कर रहा है। इस दौरान योजना के पात्र हितग्राहियों से जहां संवाद किया जा रहा है। वहीं योजना से जुड़े अन्य पहलु जैसे आवास के लिए कितनी राशि, कितनी किश्त व कुल खर्चा समेत जल जीवन मिशन के बारे में चर्चा की जा रही हैं। इस दौरान जो कमियां सामने आ रही हैं, उन्हें दूर करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पोस्टकार्ड के जरिये अपनी समस्याओं से अवगत कराने की अपील कर रहे हैं, ताकि गांव तथा शहर के बीच दिख रहे भेदभाव को दूर कर एक समान व्यवस्था की पहल की जा सके। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष हेमंत टाले ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास के लिए महज 1 लाख 20 हजार रूपए मुहैया कराए जा रहे हैं, जो कि ग्रामीणों के लिए नाकाफी है। वहीं दूसरी ओर शहर में हितग्राहियों को ढ़ाई लाख रूपए मिल रहे हैं। जबकि शहर की तुलना ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्य पर ज्यादा खर्च होता है। ऐसे में गांव और शहर के बीच करीब सवा लाख रूपए का अंतर खत्म होना चाहिये। शहरों की तरह ग्रामीण हितग्राहियों को भी ढ़ाई लाख रूपए का लाभ मिले, इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे। श्री टाले ने यह भी कहा कि उज्जवला गैस योजना अंतर्गत जो गैस कनेक्शन दिए गए हैं, वह भी हितग्राहियों को काफी महंगा पड़ा है। अगर पहले की तरह उन्हें सब्सिडी देकर 400 रूपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाए तो उनकी समस्याओं को विराम लग सकेगा।
संगठन ने इन ग्रामों में किया भ्रमण
हितग्राहियों से संवाद अंतर्गत सोमवार को ग्राम झालवा, उटपड़ाव और सेमल्या गांव का भ्रमण किया। यहां ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं का जिक्र किया। इस दौरान अनुरोध करने पर उन्होंनें प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखे। इस मौके पर आरजीपीएस के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत टाले समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
गांव की हकीकत, ग्रामीणों की जुबानी
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के इस अभियान दौरान उन्हें कई ऐसे ग्रामीण भी मिले, जिन्हें अब तक योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। उटपड़ाव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जल जीवन मिशन अंतर्गत एक साल पहले घर-घर नल लगाए गए हैं। परंतु उन नलों से पानी मिलना शुरू नही हुआ है। जिसके चलते योजना का उद्देश्य अधर में है।