ऑनलाइन मार्केटिंग के नाम से इंटरनेशिया इंडिया मार्केटिंग प्रा.लि. नामक एक संस्था द्वारा बेरोजगार युवक-युवतियों को घर बैठे लाखों कमाने का दिवा स्वप्न दिखाया जा रहा है। जिसमें प्रतिमाह १ से ३ लाख रुपए तक की आमदनी के साथ ही कंपनी का गोल्ड मेडल, उपहार में बुलट मोटरसाइकल और सात दिन का विदेश यात्रा का पैकेज भी मिलने के सपने दिखाए जा रहे हैं। जिसके तहत १० हजार से लेकर १ लाख ३२ हजार रुपए तक जमा कराए जा रहे हैं। ऐसे प्रत्येक प्रतिभागी को अपने माध्यम से चार अन्य प्रतिभागी जोड़ते हुए एक चैन बनाई जाना है। जिनके द्वारा प्रदाय की जाने वाली राशि से प्रथम प्रतिभागी को चार के गुणांक में जितने भी प्रतिभागी जुड़ेंगे उससे भिन्न-भिन्न प्रतिशतों के आधार पर प्रतिमाह लाखों रुपए घर बैठे प्राप्त होना बताया जा रहा है। यहां कार्य करने वाले युवक-युवतियों के लिए शिक्षा और उम्र की कोई बाध्यता नहीं है। बहरहाल, हरदा में चल रहे इस दफ्तर में हरदा जिले के युवाओं को नहीं रखा जाना कंपनी की पॉलिसी है। जिसमें अधिकतर आदिवासी बाहुल्य जिलों के लगभग 300 से अधिक युवक-युवतियां पैसा जमा कर कंपनी के प्रतिभागी बने हुए हैं।
अनोखा तीर, हरदा। शहर के जीपी मॉल के नजदीक सोमानी हॉस्पिटल के ठीक सामने एक तिमंजिला भवन में इंटरनेशिया इंडिया मार्केटिंग कंपनी का दफ्तर खुला हुआ है। यहां मुख्य द्वार पर ही बोर्ड लगा है कि बगैर अनुमति प्रवेश निषेध है। गेट पर ही कुछ युवक-युवतियां आगंतुकों से चर्चा के लिए खड़े होते हैं। आने का कारण और कहां से आए हैं, इस बात की जानकारी पहले ली जाती है। जब उन्हें यह भरोसा हो जाता है कि आगंतुक कंपनी से जुडऩे के लिए तथा हरदा जिले से बाहर का रहने वाला है और बेरोजगार है तभी वह अपने अधिकारी से चर्चा कर मिलने का समय तय करते हैं। यहां पर लगभग ३०० से अधिक युवक-युवतियां कंपनी के विभिन्न कमीशन प्लान के तहत अपनी राशि जमा कर आमदनी प्राप्त होने की उम्मीद से जुटे हुए हैं। इन सभी प्रतिभागियों को किसी भी नए व्यक्ति को कंपनी की पॉलिसी या उसके बारे में अन्य जानकारी देने से स्पष्ट मना किया गया है। किसी मीडिया प्रतिनिधि के पहुंचने पर अपने वरिष्ठ अधिकारी के बाहर होने का हवाला देकर मिलने से इंकार कर दिया जाता है। चूंकि हम इस बात से वाकिफ थे और शहर में लंबे समय से अनजान युवक-युवतियों को बड़ी तादाद में इस भवन में जाते-आते देख रहे थे इसलिए हमने इसकी वास्तविकता की तहकीकात करने की कोशिश की। साधारण वेशभूषा में पैदल ही इस भवन के दफ्तर पर पहुंचे। यहां गेट पर मौजूद युवती ने आने का कारण और हमारा परिचय प्राप्त किया। हमने उन्हें बैतूल जिले के ग्राम चिचोली से आना बताया। साथ ही कहा कि हमारे जिले के कुछ युवक-युवतियां आपके यहां जुड़े हुए हैं, उन्हीं से हमें यह जानकारी प्राप्त हुई थी। हम भी आपकी कंपनी से जुड़कर कार्य करना चाहते हैं। क्या आपके यहां शिक्षा या उम्र का कोई पैमाना तय है। तब उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। न्यूनतम पांचवी पास होना चाहिए। उम्र चाहे कुछ भी हो, चूंकि यह नौकरी नहीं एक ऑनलाइन व्यापार है। हमने अपने जेब का पर्स हाथ में रखते हुए पूछा कि यहां कितनी राशि जमा करना होगी। वैसे हमारे जिले के भीमपुर निवासी एक युवक ने बताया था कि २९ हजार ५०० रुपए जमा करना है तो मैं उतने लेकर आया हूं। जब उस युवती को मेरी बात से यह विश्वास हो गया कि वास्तव में यह व्यक्ति कंपनी से जुडऩे के लिए आया है तो उन्होंने मोबाइल से अपने सीनियर अधिकारी से चर्चा की। जब हमने उस युवती से अपना परिचय पूछा तो उन्होंने कहा कि वह बालाघाट की कुमारी शालिनी यादव है, जो टीम को हेड करती है। यह युवती बमुश्किल १८ से २० वर्ष की होगी। तभी उन्होंने वहां से गुजरती एक अन्य युवती की ओर इशारा करते हुए बताया कि यह अभी महज १७ साल की है और लगभग ३ लाख रुपए महीना कमा रही है। हमारी चर्चा के दौरान ही एक अन्य युवक वहां आया जिसे उक्त युवती ने अपना सीनियर अधिकारी बताते हुए मुझसे मिलवाया। जिन्होंने औपचारिक चर्चा के पश्चात अपने साथ भवन की पहली मंजिल पर लेकर गए। इससे ऊपर वाली मंजिल पर कुछ युवक-युवतियों का प्रशिक्षण चल रहा था। जहां एक युवक व्हाइट बोर्ड पर मार्केटिंग प्लान समझा रहा था। मैं जिस अधिकारी के पास बैठा था, वह एक स्टूल पर बैठकर छोटे से टेबिल पर कुछ सादे पेपर लेकर मुझे कंपनी का प्लान समझाने लगा। उन्होंने पहले मुझसे पूछा कि आप क्या करते हो और कहां तक पढ़े हो। मैंने बताया कि ऑटो पार्ट्स की छोटी सी दुकान करता था। कोरोना काल में बंद हो गई। फिलहाल बेरोजगार हूं। आठवीं फेल हूं। उन्होंने कहा कोई बात नहीं। आप कंपनी से जुड़ेंगे तो लाखों कमाएंगे। मैंने कंपनी के हेड ऑफिस के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि दिल्ली में हेड ऑफिस है। वहीं कलकत्ता सहित देश के कई प्रदेशों में हमारे कंपनी के ऑफिस हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में लाखों लोग कंपनी से जुड़कर कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा, बालाघाट, बैतूल, भोपाल में भी हमारे ऑफिस चल रहे हैं। तभी उन्होंने दीवार पर लगे एक फ्लेग की ओर मेरा ध्यान केन्द्रित कराते हुए बताया कि हमारे यहां सभी अधिकारी और मंत्री भी आते हैं, यह देखिए यह हरदा के पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल और थाना प्रभारी अनिल राठौर हैं, जो हमारे यहां रक्तदान शिविर में आए थे। कृषि मंत्री कमल पटेल जी भी हमारे यहां आते रहते हैं। फिर उन्होंने हमें अपना प्लान समझाना शुरू किया। उन्होंने कहा कि आपको पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड और कोई भी एक मार्कशीट की कॉपी जमा करना होगा। आवेदन फार्म के लिए आपको ५०० रुपए जमा कराना है। जिसके बाद आपकी चार दिनों की टे्रनिंग होगी। टे्रनिंग लेने के बाद हमारे अधिकारी आपका साक्षात्कार लेंगे। तब मैंने बताया कि मेरे पैर में तकलीफ है और मैं लंबे समय बैठ नहीं सकता। मेरा बेटा भी एक कपड़ा दुकान पर कार्य करता है, मैं सोच रहा हूं आपके यहां का पूरा प्लान उसे समझाकर उसे भी आपसे जोड़ दूं। तब उन्होंने चार दिन में दी जाने वाली टे्रनिंग का पूरा विवरण कागजों पर समझाना शुरू किया।
कैसे कमाएंगे घर बैठे लाखों
कंपनी के अधिकारी विनय यादव ने बताया कि हम नौकरी नहीं आपको व्यापार से जोड़ रहे हैं। जिसमें न्यूनतम १९ प्रतिशत प्राफिट वाला प्लान ८ हजार १०० रुपए का है। जिसमें जीएसटी और स्वीपिंग चार्ज मिलाकर आपको ९ हजार ५०० रुपए जमा करना है। २५ प्रतिशत प्राफिट वाले प्लान में जीएसटी और स्वीपिंग सहित २९ हजार ५०० रुपए इसी तरह २८ प्रतिशत वाले में ४६ हजार ५०० रुपए जमा करना तथा ३७ प्रतिशत वाले प्लान में १ लाख ३२ हजार रुपए जमा किया जाना है। इसमें १९ प्रतिशत वाले में आपको एक लाइसेंस मिलेगा, जबकि २५ और २८ प्रतिशत वाले में चार-चार लाइसेंस मिलेंगे। जिसे आप चार अन्य लोगों को बेच सकते हैं। २५ प्रतिशत वाला लाइसेंस ४ हजार ५०० रुपए में और २८ प्रतिशत वाला ९ हजार रुपए में तथा ३७ प्रतिशत वाले प्लान में आपको १२ लाइसेंस मिलेंगे जिन्हें आप ९-९ हजार रुपए में बेच सकते हैं। आपको अपने माध्यम से चार लोगों को जोडऩा है। आपने अगर १९ प्रतिशत वाला प्लान लिया तो भी आप २५ से ३७ प्रतिशत वाले प्लान के लिए अन्य लोगों को जोड़ सकते हो। इस तरह प्रत्येक सदस्य चार-चार लोगों को जोडऩे का कार्य करेगा। वह किसी भी प्लान के तहत जोड़ सकता है। ऐसे जुडऩे वाले प्रत्येक व्यक्ति से आपको सीधे अलग-अलग प्रतिशत से कमीशन प्राप्त होगा। ४ सदस्य से १६ सदस्य जुड़ेंगे, १६ से ६४, ६४ से २५६ इसी गुणांक में ६५ हजार ५३६ सदस्य तक एक श्रृंखला बनती जाएगी। जिसके माध्यम से आपको घर बैठे ही लाखों रुपए बतौर कमीशन प्राप्त होता रहेगा। आपके द्वारा दी जाने वाली एक छोटी सी राशि से आप कुछ ही समय में करोड़ों रुपए घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं।
आप भी खोल सकते हो अपना ऑफिस
कंपनी के अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त प्लान के अनुसार जब आपके साथ के सदस्यों द्वारा इस श्रृंखला में २५६ सदस्य जोड़ लिए जाएंगे तो आपको लाखों रुपए कमीशन तो मिलेगा ही साथ ही आप कंपनी का गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुके होंगे। आपको कंपनी द्वारा एक बुलट मोटरसाइकल उपहार में दी जाएगी। सात दिनों के लिए विदेश यात्रा कंपनी द्वारा कराई जाएगी। इसके लिए आप स्वयं अगर नहीं भी जाना चाहें तो किसी को नॉमिनेट कर सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी आपको स्वयं का ऑफिस खोलकर उपरोक्तानुसार कार्य करने की भी अनुमति प्रदान कर देती है।
लालच का खेल बुरा
बेरोजगारी के चलते सैकड़ों युवक-युवतियां इस कंपनी के झांसे में आकर अपना पैसा जमा करा चुके हैं। मंत्री और पुलिस अधिकारी से संबंध का हवाला देकर लोगों को विश्वास में लिया जाता है। मौके पर ही मोबाइल से गूगल पर कंपनी की वेबसाइट और पेनकार्ड, रजिस्ट्रेशन आदि कागज दिखाते हुए कंपनी को अद्र्धशासकीय संस्था बताते हुए अपनी प्रमाणिकता सिद्ध करने का प्रयास किया जाता है। वर्तमान में लगभग ३०० से अधिक प्रतिभागियों को राशि जमा करने पर हरदा शहर में ही अलग-अलग क्षेत्रों में किराए के भवन लेकर रखा गया है। जिन्हें २५०० रुपए महीना शुल्क लेकर भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इस कंपनी में हरदा जिले का कोई प्रतिभागी नहीं है। यहां बालाघाट, छिंदवाड़ा, बैतूल, खंडवा और खरगोन जिले के युवक-युवती ही सर्वाधिक तादाद में है। जिसमें अधिकतर आदिवासी व गरीब वर्ग के युवक-युवती हैं। जिन्होंने जैसे-तैसे कर रोजगार प्राप्त करने के लालच में कंपनी के पास अपना पैसा जमा कर दिया है। चूंकि कंपनी द्वारा सुनियोजित रूप से अपने प्रारंभ में ही रक्तदान शिविर आयोजित कर उसमें जिले के पुलिस अधीक्षक को आमंत्रित किया गया। चूंकि रक्तदान शिविर था, जो एक पवित्र उद्देश्य माना जाता है। इसलिए पुलिस कप्तान मनीष अग्रवाल जी वहां पहुंच गए। जब जिले के पुलिस मुखिया कंपनी के आयोजन में उपस्थित हो गए तो निचले अधिकारियों ने इसकी वास्तविकता की तहकीकात करना उचित नहीं समझा। आज जब हमारे द्वारा उपरोक्तानुसार तमाम जानकारी जुटाकर पुलिस कप्तान मनीष अग्रवाल को बताया गया तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने तत्काल डीएसपी अर्चना शर्मा तथा थाना प्रभारी अनिल राठौर को मौके पर पहुंचकर तहकीकात करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए। अब पुलिस द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है या की गई, यह फिलहाल पुलिस ने खुलासा नहीं किया है।