आभार यात्रा के दौरान ग्राम जावरा पहुंची जिपं सदस्य श्रीमती अर्चना कृष्णा गायकी

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 *मुकेश सोनी आठनेर* – जावरा में शनिवार को आभार यात्रा लेकर पहुंची जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अर्चना कृष्णा गायकी का ग्रामीणों ने गर्मजोशी के साथ बाजे-गाजे एवं पुष्प वर्षा कर स्वागत किया इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य रूप से मण्डल अध्यक्ष गोवर्धन राने भाजपा जिला कार्यालय मंत्री कृष्णा गायकी मौजूद रहे।

*अस्थाई रूप से जावरा में किसानों को उपलब्ध होगी खाद*

आभार यात्रा में शामिल हुई जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अर्चना गायकी को सैकड़ों किसानों ने सहकारी समितियों से मिलने वाली खाद में आ रही परेशानीयो से अवगत कराते हुए कहा कि पांच किलोमीटर दूर धनोरा की सहकारीता समिति से खाद लाना पड़ता है जिसमें हम किसानों को आए दिन सहकारिता समिति के चक्कर लगाने पड़ते हैं ग्रामीणों ने मांग की हम किसानों को अस्थाई रूप से गांव में ही खाद उपलब्ध कराएं ताकि हमें सोसायटी के चक्कर नहीं लगाने पड़े जिसपर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अर्चना कृष्णा गायकी ने अधिकारियों से बात कर जावरा में ही किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए कहां वहीं अधिकारियों ने आश्वासन देते हुए तत्काल मजूंरी देते हुए एक दो दिनों में किसानों को गांव में ही खाद बीज उपलब्ध कराने की बात कही तत्काल समस्या हल होने पर जिला पंचायत सदस्य की ग्रामीणों ने तारिफ करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि हो तो श्रीमती अर्चना गायकी जैसा।

*पेसा एक्ट की ग्रामीणों को दी जानकारी*

 वहीं सभा को संबोधित करते हुए श्रीमती गायकी ने कहा कि पेसा एक्ट से

जनजातीय वर्ग को मजबूती मिलेगी। नए नियमों के अनुसार अब पटवारी और बीटगार्ड को गांव की जमीन का नक्शा, खसरा, बी-1 नकल गांव में ही लाकर ग्रामसभा में दिखाने होंगे, जिससे जमीन के रिकार्ड में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। यदि कोई गड़बड़ी करता है तो उसको ठीक करने का अधिकार ग्रामसभा को होगा। किसी प्रोजेक्ट के लिए जमीन लेने के लिए ग्राम सभा की सहमति/परामर्श जरूरी होगा। छल, कपट और बलपूर्वक अब कोई जमीन नहीं हड़प सकेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो ग्रामसभा को हस्तक्षेप कर उसे वापस करवाने का अधिकार होगा। खनिज के मामलों में जिनमें रेत, खदान, गिट्टी, पत्थर शराब के ठेके देना है या नहीं, यह भी ग्रामसभा में ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाएं अमृत सरोवरों, तालाबों का प्रबंधन करेंगीं। तालाबों में सिंघाड़े उगाने, मछलीपालन व मत्स्याखेट की सहमति भी ग्रामसभाएं देंगीं। सिंचाईं तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण भी ग्राम सभाओं में हो सकेगा। जनजातीय वर्ग के लोगों के द्वारा वनोपज संग्रहण करने के साथ उसे बेचने का भी हक होगा। तेंदूपत्ता की तुड़ाई और बिक्री का कार्य भी जनजातीय वर्ग करेंगे। इतना ही नहीं, मनरेगा के माध्यम से कब और कौन-सा कार्य कराया जाना है, यह सब ग्राम सभा ही प्रस्ताव बनाएगी, मस्टररोल भी ग्राम सभा ही देखेगी। यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्रामसभा को जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि पेसा एक्ट प्रभावशील होने से जनजातीय क्षेत्रों में केवल लाइसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर राशि उधार दे सकेंगे। इसकी जानकारी भी ग्रामसभा को देनी होगी। साहूकार द्वारा अधिक ब्याज नहीं लिया जाएगा, अधिक ब्याज लेने पर संबंधित पर कार्रवाई होगी। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के हितलाभ के लिए भी ग्रामसभा को अधिकार रहेगा। किस वास्तविक हकदार को हक मिलना चाहिए, उसे ग्रामसभा तय करेगी। अधिसूचित क्षेत्रों में बिना ग्रामसभा की अनुमति के कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा भी ग्रामसभा कर सकेगी। स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र, आश्रम, छात्रावास आदि के व्यवस्थित संचालन के लिए मॉनीटरिंग का अधिकार भी ग्रामसभा को होगा। ग्राम सभा में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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