नई दिल्ली. जहां एक तरफ श्रीलंका (Srilanka) फिलहाल राजनीतिक उठापटक और बढ़ती महंगाई के चलते परेशान है। वहीँ इन सबके बीच श्रीलंकाई सांसद साजिथ प्रेमदासा (Sajith Premadasa)ने आज ने पिछली सरकार की नाकामी पर चर्चा और साथ ही ऐसे कठिन समय में उनके मित्र भारत के क़दमों की सराहना की है। बता दें कि, श्रीलंकाई सांसद साजिथ प्रेमदासा राष्ट्रपति पद के भी उम्मीदवार हैं।
Certainly (we have a plan to recover from economic debt)…have been telling govt for 3 years not to go ahead with ill-advised economic steps…They never listened & we are in a devastated state right now: Sri Lankan LoP Sajith Premadasa on his candidature for President’s post pic.twitter.com/blaZmSSvxV
— ANI (@ANI) July 17, 2022
आज श्रीलंकाई सांसद साजिथ प्रेमदासा ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पर कहा कि, “निश्चित रूप से हमारे पास आर्थिक कर्ज से उबरने की योजना है। हम तो बीते 3 साल से सरकार से कह रहे हैं कि, गलत सलाह वाले आर्थिक कदम न उठाएं। लेकिन हमारी कभी नहीं सुनी गयी और हम अभी आज तबाह स्थिति में हैं।”
Right now we’ve 225 Parliamentarians choosing the President. Parliament composes of Gotabaya Rajapaksa’s Legislative majority & President will be chosen from this composition. I’ve given my name, will see what happens. We’re talking to all members: Sri Lankan LoP Sajith Premadasa pic.twitter.com/b2dhEhjcCS
— ANI (@ANI) July 17, 2022
इसके साथ ही श्रीलंकाई सांसद साजिथ प्रेमदासा ने भारत की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि, “हम अपने लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के मामले में भारत सरकार द्वारा दिए गए जबरदस्त समर्थन के लिए और साथ ही उनके उदार प्रयासों की तहे दिल से प्रशंसा करते हैं। हम इस संबंध में भारत की मदद और समर्थन चाहते हैं।”
Colombo | We admire the gracious efforts of Government of India for the tremendous support they have given us, in terms of meeting the basic needs of our people. We continue to seek India’s help and support in this regard: Sri Lanka LoP Sajith Premadasa#SriLankaCrisis pic.twitter.com/Xh5bNdkWqZ
— ANI (@ANI) July 17, 2022
बता दें कि, श्रीलंका (Srilanka) में फिलहाल आर्थिक संकट अब नई शिखर पर पहुंच चूका है। वहीं इस बढ़े हुए महंगाई के चलते अब लोगों के खाने पर भी भयंकर आफत आ गई है। दरअसल मामले पर विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि, देश में फिलहाल 60 लाख से अधिक लोगों पर खाने का संकट मंडरा रहा है। वहीं श्रीलंका वर्तमान में गिरते भंडार के साथ एक गंभीर विदेशी मुद्रा संकट से भी जूझ रहा है और सरकार यहां आवश्यक आयात के बिल को वहन करने में असमर्थ है।
वहीं इन सबके बीच आगामी 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति के चुने जाने की भी संभावना है। पता हो कि श्रीलंका के इतिहास में यह पहली बार है कि, जब राष्ट्रपति की नियुक्ति सांसदों द्वारा होगी, न कि किसी लोकप्रिय जनादेश द्वारा।