कोर्ट के आदेश के बाद हो पाई तोतों की रिहाई

अनोखा तीर, खंडवा। खंडवा में फॉरेस्ट की टीम ने दो तस्करों के कब्जे से 27 तोते जब्त किए थे। वन्य प्राणी की खरीद-फरोख्त के मामले में कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर तस्करों को जेल भेज दिया। तोतों की आजादी का फैसला 48 घंटे बाद हो पाया। कोर्ट के आदेश पर तोतों का मेडिकल टेस्ट कराया गया, सोमवार शाम को तोतों को पिंजरे से बाहर कर खुली हवा में आजाद किया गया। गुलाब के छल्ले वाले तोतों रेड रोज पैरा किट की तस्करी करने वाले दो आरोपियों को वन विभाग की टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने कालजाखेड़ी इलाके में लगे नीम के पेड़ पर जाल बिछाकर 27 तोतों को पकड़ा था। आरोपी एक तोता महज 25 से 30 रुपए में बेचते थे। जो वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध है।
स्पेशल कोर्ट में पेश किया
वन विभाग की टीम ने 27 तोतों की रविवार के दिन स्पेशल कोर्ट में पेशी कराई थी। पेशी का मुख्य उद्देश्य अपराध में बरामद किए गए परिंदों की बरामदगी कोर्ट को दिखाना था। रविवार का दिन था इसलिए सीजेएम कोर्ट बंद थी। स्पेशल कोर्ट में बैठे जज ने तोतों को देखकर आरोपियों को जेल भेज दिया। फॉरेस्ट कर्मियों ने तस्कर भीमा मोंगिया निवासी घासपुरा व सोनू कहार निवासी सियाराम चौक को गिरफ्तार किया।
दो दिन कैद रहे तोते
तोते दो दिनों से पिंजरे में कैद थे। वन अधिकारी उन्हें कार्यालय में रखकर टमाटर, ककड़ी और मिर्च खिलाकर देखभाल कर रहे थे। सोमवार को सीजेएम कोर्ट में तोतों से आजादी को लेकर फैसला हुआ। फैसले के बाद शाम 5 बजे तोतों को शहर से बाहर एक खेत पर ले जाया गया। जहां उन्हें खुली हवा में छोड़ दिया गया। एसडीओ संदीप वास्कले के मुताबिक, गुलाब के छल्ले वाले तोते वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के शेड्यूल-2 पार्ट-बी में आते हैं। इन्हें पकड़ना, खरीदना-बेचना व पिंजरे में बंद करके रखना भी अपराध है। आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 2, 9 और 51 के तहत केस दर्ज किया। आरोपियों का दोष सिद्ध होने पर उन्हें दो साल की जेल या 1 लाख रुपए जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है।

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