5500 रुपए में ग्राम बासवा के अमन ने सैनिक सुरक्षा के लिए बनाया सिक्युरिटी रोबोट 

 

विकास पवार बड़वाह – ब्लाक के छोटे से गाँव बासवा के दसवी पास 22 वर्षीय युवक अमन कालरा ने एक सिक्युरिटी सिस्टम रोबोट तैयार किया है।यह रोबोट भारत की बोर्डर पर खासकर सियाचिन जैसे ठंडे क्षेत्र में धुंध के दौरान घुसपैठ को रोकने के काम आएगा।इस रोबोट को बनाने में मात्र 5500 रूपये का खर्च आया है।जिसे उन्होंने अल्ट्रासोनिक सेंसर,आड्रीनो चिप,बजर,बेटरी,प्लाय वुड से बनाया है।फ़िलहाल यह रोबोट अभी प्रारम्भिक चरण में और केवल 5 मीटर के दायरे में ही काम करता है।लेकिन अमन का दावा है की केवल 30 हजार खर्च करने पर यह 100 मीटर के दायरे में भी घुसपैठिया को सीमा के आसपास प्रवेश करते ही लगातार बीप की आवाज से अलर्ट कर देगा।

 

विधायक बिरला ने तीस हजार रुपए की राशि देने की कही बात —-

गुरुवार सुबह 10 बजे अमन ने अपना यह रोबोट डूडगाँव स्थित विधायक सचिन बिरला के निवास पर जाकर उन्हें दिखाया। जहा उन्होंने इस इनोवेशन की तारीफ भी की ।विधायक बिरला ने इस सिक्युरिटी सिस्टम को और अधिक अपडेट करने के लिए 30 हजार रूपये की सहयोग राशी अमन को देने की घोषणा भी की है। साथ ही अमन ने विधायक बिरला को इसका डेमो भी दिखाया ।इस दौरान खुद विधायक ने अमन द्वारा बनाए गए रोबोट व उसके द्वारा किए जा रहे दावे का प्रेक्टिकल करके देखा।जैसे ही विधायक रोबोट के दायरे में आए उसमें बीप बजाना शुरू हो गई ।विधायक ने कहा की अमन काफी होनहार है।वह पहले भी सैनिक सुरक्षा उपकरण के साथ,दृष्टिहिनो को मार्ग बताने वाला चश्मा बना चूका है।उसकी प्रतिभा को और अधिक निखारा जा सके इसके लिए खरगोन कलेक्टर के पास उन्हें भेजेंगे । ताकि उसे जो भी शासकीय सहायता हो वह मिल सके।विधायक ने कहा कि वे खुद अमन को मुख्यमंत्री से मिलवाएंगे और उसके रोबोट का डेमो भी दिखाएंगे।

 

दैनिक अखबार की खबर से ही आया आयडिया-

 

यूँ तो अमन पहले भी इस तरह के रोबोट बना चुके है।लेकिन उन्होंने एक बार एक दैनिक अखबार की खबर पढ़ी थी,जिसमे ठंडे क्षेत्रो में देश की सीमा पर धुंध के दौरान सुरक्षा को लेकर सैनिको को कई चुनोतियो का सामना करना पड़ता था।इसे देखकर उन्होंने इस तरह का रोबोट बनाने का सोचा।बीते पन्द्रह दिनों में दिन रात मेहनत कर उन्होंने अपना यह सिक्युरिटी सिस्टम तैयार कर लिया।

 

माँ की बीमारी के कारण छोड़ी पढाई,ऑनलाइन सीखी कम्प्यूटर कोडिंग —– 

 

अमन मूलतः हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले है,लेकिन 6 वर्ष पहले ही बासवा में रह रहे है।उनके पिता दर्शन यहाँ ढाबा चलाते है।लेकीन लम्बे समय से उनकी माताजी कविता की तबियत खराब रहती है।माताजी की सेवा के लिए अमन ने वर्ष 2016 में आठवी पास कर पढ़ाई छोड़ दी थी।लेकिन कम्प्यूटर से उनको विशेष प्रेम है।यही कारण है की अमन ने घर पर रहकर ओनलाईन कम्प्यूटर कोडिंग सीखना शुरू किया।कम्प्यूटर की सी लेंग्वेज भी सीखी।विधायक बिरला की मदद से उन्होने प्रायवेट छात्र के रूप में दसवी की परीक्षा उत्तीर्ण की है।अमन की एक छोटी बहन भी है।अमन भविष्य में कम्प्यूटर कोडिंग को और बेहतर तरीके सीखकर,उसका उपयोग देश के सैनिको की सुरक्षा में उपयोग करना चाहते है।फ़िलहाल वह ऐसे रोबोट पर कार्य कर रहे हो जो बिल्डिंग में छुपे आंतकी को ट्रेस कर सकेगा।इसके साथ ही महिला सुरक्षा के लिए भी उपकरण बनाने में जुटे है।

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