आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद श्रीमती एलुबाई ने लिखी सफलता की नई कहानी

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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव का हृदय से धन्यवाद-श्रीमती एलुबाई

देवास:- मध्यप्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं से जुड़कर एवं लाभ पाकर महिलाएं सशक्त होकर सफलता की नई इबारत लिख रही है। शासन की यह योजनाएं महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। महिलाएं आजीविका मिशन से जुड़कर न केवल स्वयं सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने परिवार का आर्थिक स्तर भी ऊंचा उठा रही है। इन्हीं महिलाओं में सोनकच्छ विकासखंड के ग्राम चौबाराजागीर के लक्ष्मी आजीविका स्व सहायता समूह की श्रीमती एलुबाई पति श्री बाबुलाल हैं जिन्होंने स्व सहायता समूह के माध्यम मुर्गी पालन, बकरी पालन, भैंस पालन का कार्य प्रारंभ किया और सफलता की नई इबारत लिखी। आज वे 4 हजार रुपए से अधिक मासिक आय अर्जित कर रही हैं। इसके साथ ही समूह से जुड़ने के पश्चात उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है तथा परिवार की मासिक आय 15 हजार रुपए से अधिक की हुई है। वे बहुत खुश हैं और कहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। यह सब उनके द्वारा संचालित स्व सहायता समूह के माध्यम से हो पा रहा है। इसके लिए वे तथा सभी समूह की महिलाएं खुश होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का हृदय से आभार व्यक्त कर धन्यवाद देती हैं।

सोनकच्छ विकासखंड के ग्राम चौबारा जागीर की श्रीमती एलू ने बताया कि वे अपने के साथ गांव में निवास करती हैं। उनका गांव सोनकच्छ मुख्यालय से 20 किमी होने के कारण ग्रामीण परिवार को ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती है। जहां पर कृषि में सीजन अनुसार कार्य मिलता था। वे बताती हैं कि उनके पास अपनी 06 बीघा जमींन हैं, जिस पर वे तथा उनका परिवार खेती कर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। जिससे आर्थिक तौर पर ज्यादा परेशानी आती थी। इसी बीच उनके गांव में म.प्र. डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की समूह सीआरपी दीदी द्वारा ग्राम भ्रमण के दौरान महिलाओं ने देखा। सीआरपी महिलाओं द्वारा समूह की बात को सुनकर समूह का गठन किया। जिसमें उनको अध्यक्ष का पद दिया गया। समूह को एनआरएलएम योजना से तीन महीने बाद उन्होंने ने आरएफ की राशि से 5000 रुपए लोन लेकर एक बकरी खरीदी। फिर सीआईएफ लोन से 20000 राशि लेकर पुनः बकरी खरीदी। इस प्रकार एक वर्ष में 40,000 रुपए की आय अर्जित की। इसके साथ ही उन्होंने ने एनआरएमएल से जानकारी लेकर कृषि अभियंत्री में थ्रेशर मशीन हेतु आवेदन दिया उन्हें थ्रेशर   मशीन मिल गई। वर्तमान में उनके द्वारा प्रति वर्ष 70 हजार से ज्यादा आय अर्जित की जा रही है। उन्होंने बताया कि एनआरएलएम के माध्यम से मुर्गी पालन प्रशिक्षण हेतु भोपाल में प्रतिभाग किया गया। जिसमें पश्चात उनके द्वारा अपने गांव एवं आस-पास गांव में मुर्गी पालन पर स्व-सहायता समूह एवं गांव के अन्य सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया।

     उन्होंने गांव एवं आस-पास गांवों में मुर्गी पालन पर स्व-सहायता समूह एवं गांव के अन्य सदस्यों को प्रशिक्षण दिया। साथ ही उन्होंने मुर्गी पालन का कार्य प्रारंभ किया गया। इसको देखते हुए अभिसरण तहत अनुसूचित जाति विभाग द्वारा 40 कलर बर्ड चूजे दीदी को प्रदाय करवाए गये, जिससे श्रीमती एलू द्वारा उचित प्रकार से मुर्गी पालन का कार्य करते हुए चुजे की संख्या 70 से 80 कर दी गई। वर्तमान में एलु दीदी द्वारा मुर्गी पालन गतिविधि 4 से 5 हजार रूपए प्रतिमाह आय प्राप्त की जा रही हैं एवं दीदी वर्तमान में 4 से 5 प्रकार की गतिविधि जैसे- बकरी पालन, भैंस पालन, ट्रेक्टर, थ्रेसर एवं खेती का कार्य आदि गतिविधियों का संचालन किया जा रहा जा हैं। जिससे उनके परिवार की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति सुदृढ़ हुई हैं। जिसके बाद अनुसूचित जाति विभाग द्वारा 40 कलर बर्ड मुर्गियों के बच्चे मिले, जिनको दीदी ने अच्छे से पाल कर उन्होंने बहुत अच्छी इनकम अर्जित की 70 से 80 कलर बार्डर मुर्गा मुर्गी से दीदी प्रति माह चार से पांच हजार रुपए इनकम प्राप्त कर रही है। जिसके साथ में उनके द्वारा से चार गतिविधियां कर रही है। जिनमें बकरी पालन, भैंस पालन, थ्रेशर ट्रैक्टर और मुर्गी पालन प्रमुख है। इसके साथ ही खेती भी करती हैं।

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