अनोखा तीर, हरदा। हरदा जिले के बांस शिल्प ने दिल्ली में आयोजित ‘कारीगर गाथा-देश के कारीगरों की विरासतÓप्रदर्शनी में विशेष पहचान बनाई है। भारत सरकार के एमएसएमई और वस्त्र मंत्रालय द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में 30 से अधिक संस्कृति क्लस्टरों के बीच हरदा के उत्पादों को विशिष्ट स्थान मिला। प्रदर्शनी का उद्घाटन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने किया। उन्होंने हरदा के बांस उत्पादों की विशेष प्रशंसा करते हुए इसे पारंपरिक शिल्प को नई पहचान देने का सराहनीय प्रयास बताया।
क्लस्टर का विकास और उपलब्धियां
हरदा के उड़ा ग्राम में 2022 में स्थापित बांस क्राफ्ट क्लस्टर, स्फूर्ति योजना के अंतर्गत कार्यरत है। सिनर्जी संस्था के मार्गदर्शन में संचालित इस क्लस्टर से 400 से अधिक कारीगर जुड़े हैं। प्रदर्शनी में सिनर्जी ग्राम एंड शिल्प केंद्र के प्रतिनिधि पंकज बैरागी और क्लस्टर के सीडीई अशोक सेजकर ने क्लस्टर की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया।
उत्पाद विशेषताएं और बाजार विस्तार
हरदा के बांस शिल्पियों द्वारा निर्मित लैम्प, डस्टबिन, सजावटी सामान और ज्वेलरी बॉक्स जैसे उत्पादों ने प्रगति मैदान में दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इन उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिल रही है।
स्थानीय स्तर पर सफलता
14-15 जनवरी को हरदा और टिमरनी में आयोजित स्थानीय प्रदर्शनी में महिला कारीगरों के उत्पादों को विशेष सराहना मिली। कार्यक्रम में अल्पना भद्रेले दीदी और संजय कनक की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
भविष्य की दिशा
मध्य प्रदेश की एक जिला, एक उत्पाद योजना में विशेष स्थान प्राप्त हरदा के बांस शिल्प को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयास जारी हैं। सिनर्जी ग्राम एंड शिल्प केंद्र की डायरेक्टर शिखा जनोरिया के अनुसार, यह पहल कारीगरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
Views Today: 2
Total Views: 46