अमृत-2 पेयजल योजना 26.52 करोड़ की योजना में शासन से नगर परिषद को मिलेगा सिर्फ 15 करोड़ का अनुदान

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-विधायक अभिजीत शाह के सवाल पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का जबाब

अनोखा तीर, टिमरनी। नगर में अमृत टू योजना के तहत छिपानेर से पाईप लाइन के माध्यम से टिमरनी में पेयजल लाया जाएगा। इस हेतु शासन ने 26.52 करोड़ की योजना स्वीकृत की है। योजना की राशि को लेकर शहर में फैल रही भ्रांति एवं नगर परिषद द्वारा शहर की जनता को योजना के बारे में स्पष्ट एवं सही जानकारी नहीं देने के कारण गत माह विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अभिजीत शाह ने विधानसभा में क्षेत्र के अन्य मुद्दों के साथ शहर की पेयजल योजना को लेकर सरकार से जानकारी मांगी, ताकि जनता के बीच योजना को लेकर सही जानकारी पहुंच सके। योजना के संबंध में क्षेत्रीय विधायक के प्रश्न क्र. 948 के जवाब में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गी ने बताया कि अमृत टू योजना के तहत छिपानेर से टिमरनी शहर तक नर्मदा नदी से पेयजल सप्लाई हेतु 26.52 करोड़ की योजना स्वीकृत है। योजना हेतु स्टेट वॉटर प्लान अनुसार राशि 15.50 करोड़ स्वीकृत है, जिसमें केंद्रांश 50 प्रतिशत अर्थात 7.75 करोड़, राज्यांश 45 प्रतिशत अर्थात 6.975 करोड़ एवं निकाय का अंश 05 प्रतिशत अर्थात 0.775 करोड़ है। मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि उपरोक्त स्वीकृत राशि से अधिक राशि का वहन निकाय द्वारा स्वयं के श्रोत से किया जाएगा।

योजना पूर्ण करने के लिए शेष राशि लगभग 15 करोड़ की व्यवस्था कैसे होगी?

योजना को पूर्ण करने के लिए शेष राशि 15 करोड़ की व्यवस्था कहां से कैसे होगी? इसका जबाब न सरकार के पास है और ना ही नगर परिषद के पास। ऐसे में यह योजना कही जनता के लिए सफेद हाथी ना बन कर रह जाए। योजना के तहत बनाए जाने वाले इंटकवेल और ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अभी तक परिषद को शासन सेभूमि भी आबंटित नहीं हुई है और परिषद ने योजना के टेंडर भी जल्दबाजी में जारी कर दिए हैं जो शहर में चर्चा का विषय है।

योजना को लेकर परिषद जनता को गुमराह कर रही : कांग्रेस

विधायक अभिजीत शाह द्वारा विधानसभा में प्रश्न उठाने के बाद योजना की सही जानकारी जनता के बीच आने पर नगर कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष जायसवाल ने परिषद पर योजना को लेकर जनता को गुमराह करने एवं सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यदि परिषद योजना के संबंध में सही तथ्य जनता के समक्ष रखती तो क्षेत्र के विधायक को इस मामले को लेकर विधानसभा में प्रश्न नहीं करना पड़ता। विधायक की सक्रियता से क्षेत्र की जनता को सही जानकारी उपलब्ध हो सकी है। वर्तमान परिषद की जवाबदारी है कि वह इतनी बड़ी योजना जनता को कर्ज में डाले बिना कैसे पूर्ण करती है। श्री जायसवाल ने जनहित के मुद्दों को लेकर वर्तमान परिषद एवं अध्यक्ष की विश्वसनीयता एवं कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त पेयजल योजना जनता की भलाई के लिए नहीं बल्कि भ्रष्टाचार की नीयत से लाई जा रही है।

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