एनडीपीसी एक्ट में कैद आरोपी की मौत

 

परिजनों ने शव सड़क पर रखकर एक घंटे तक किया प्रदर्शन

-पुलिस पर झूठा केस बनाने का लगाया आरोप, जांच की मांग

अनोखा तीर, हरदा। मंगलवार सुबह एनडीपीएस मामले में एक सप्ताह से जिला जेल में बंद कैदी की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया। मृतक के बेटे और भाई ने पुलिस पर उसके पिता को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया है। जिला अस्पताल में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का पीएम किया गया। जिसके बाद परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए करीब एक घंटे तक खंडवा रोड़ सिविल लाईन थाने के पास चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। जिसके चलते थाने पर सुरक्षा की दृष्टि से बेरिगेटिंग की गई और शहर के अन्य थाने का पुलिस बल भी मौजूद रहा। परिजनों ने लिखित में अपनी मांग का आवेदन तहसीलदार को सौंपा और शव लेकर चले गए। जानकारी के अनुसार जिले के बैड़ी गांव निवासी रामदयाल पिता मनसाराम विश्नोई उम्र ६3 वर्ष सहित तीन लोगों को 28 दिसंबर को सिविल लाइन थाना पुलिस ने 53 ग्राम एमडी ड्रग्स के साथ पकड़ा था। तीनों को जेल भेज दिया था। जिसके बाद से ही तीनों हरदा जिला जेल में बंद थे। मंगलवार सुबह जेल में आरोपी रामदयाल विश्नोई को उल्टी और सीने में दर्द होने की शिकायत के बाद कर्मचारी जिला अस्पताल लेकर आए। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव के पीएम के दौरान बड़ी संख्या में मृतक के परिजन और अन्य लोग जमा हो गए। मृतक के पजिनों का कहना था कि मृतक किसी भी प्रकार से अवैध मादक पदार्थ के कारोबार में लिप्त नहीं था। पुलिस ने मृतक पर झूठा केस बनाकर उसे जेल भेज दिया था।

अस्पताल से शव निजी वाहन में ले जाने की बात पर पुलिस से हुई नोकझोक

जिला अस्पताल में शव ले जाने के लिए शव वाहन का इंतजाम किया गया था, लेकिन मृतक के परिजनों ने शव ले जाने के लिए निजी वाहन बुला लिया और शव को निजी वाहन में ले जाने लगे। जिस बात पर वहां मौजूद पुलिस बल और परिजनों के बीच तीखी बहस हुई। नाराज परिजनों ने शव को कंधे पर उठाया और पुलिस विरोधी नारे लगाते हुए शव को खंडवा रोड़ स्थित सिविल लाईन थाने के पास ले जाकर सड़क के बीच रखा और सड़क पर बैठ गए। इस दौरान लोगों ने पुलिस के विरोध में नारेबाजी की।

एक घंटे किया चक्काजाम

जिला अस्पताल से परिजनों ने शव ले जाकर सिविल लाइन थाने लेकर पहुंचे। परिजनों और ग्रामीणों ने थाने के पास खंडवा बायपास सड़क पर शव रखकर करीब एक घंटे तक चक्काजाम किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस विरोधी नारेबाजी भी की और पुलिस के ऊपर झूठा मामला दर्ज करने के आरोप लगाए। इस दौरान कई बार मौजूद अधिकारियों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वह एसपी और कलेक्टर से बात करने पर अड़े रहे। कुछ देर बाद एसडीएम कुमार शानू और एसडीओपी अर्चना शर्मा ने मौके पर पहुंचकर समझाइश दी। जिसके बाद चक्काजाम खत्म कर परिवार शव को शव वाहन से लेकर बेड़ी गांव रवाना हुए। इस मामले को लेकर एएसपी आरडी प्रजापति ने कहा कि आरोपी के परिजनों ने जांच की मांग की है। जांच के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी।

भाई बोला झूठे केस में फंसाया

रामदयाल के भाई महेश विश्नोई ने आरोप लगाया कि उनका भाई रामदयाल भैंस खरीदने के लिए रहटगांव के पास एक गांव गए थे। जहां 28 दिसम्बर की शाम करीब सात बजे उन्हें पुलिस ने पकड़ा और पूरी रात थाने में रखकर अगले दिन हरदा में साई मंदिर से हनुमान मंदिर के बीच एमडी के साथ पकड़ने का प्रकरण बनाया गया। जबकि, उनके पास कोई मादक पदार्थ नहीं था। उन्होंने पहले से बीमार होने की बात भी पुलिस को बताई थी, फिर भी झूठे केस में फंसाया गया। हमारी मांग है जिन पुलिस वालों ने उन्हें पकड़ा उनकी जांच की जाए। मेरा भाई संरपच था और ६०० से अधिक वोट से जीता था। अगर गलत काम करता तो क्या लोग उसे पसंद करके वोट देते।

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