भोपाल यूका कचरा नष्ट करने के मामले में सरकार को राहत

 

अनोखा तीर, भोपाल। राजधानी भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में जमा 385 टन कचरे को नष्ट करने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को बड़ी राहत दी। न्यायालय ने सरकार का पक्ष सुनने के बाद कचरा निष्पादन के लिए उसे छह हफ्ते की मोहलत दी है। साथ ही कहा, कि जब कचरा पीथमपुर पहुंचाया जा चुका है तो इसे नष्ट करने को लेकर अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं। न्यायालय अब 18 फरवरी को इस प्रकरण में जनहित याचिकाकर्ताओं का पक्ष भी सुनेगा। इसके बाद ही वह अपना फैसला सुनाएगा। इससे पहले आज सरकार के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने एक शपथ पत्र के जरिए कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए यूनियन कार्बाइड के कचरे को सुरक्षित तरीके से पीथमपुर की रामकी इंडस्ट्री तक पहुंचाया, लेकिन इसी बीच फेक समाचारों के प्रकाशन, प्रसारण से जनाक्रोश भड़का। इसे देखते हुए सरकार को अब कोर्ट में दस्तक देनी पड़ी।

सीएम मोहन यादव ने कहा… अभी मौका है

इधर, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हाईकोर्ट के उक्त फैसले का स्वागत करते हुए कोर्ट का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि हमने जनभावनाओं को देखते हुए कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। न्यायालय इस मामले में दूसरा पक्ष भी सुनेगा। उन्होंने कहा कि कचरा निष्पादन को लेकर जिन्हें किसी प्रकार की आशंका है, उनके पास अभी भी मौका है। वे न्यायालय में अपना पक्ष रखें।

विरोध के बाद लगाई थी रोक

बता दें कि गत एक जनवरी को कचरे के कंटेनर पीथमपुर पहुंचने पर इनका उग्र विरोध किया गया। दो लोगों ने आत्मदाह का भी असफल प्रयास किया। विरोध बढ़ते देख सरकार ने देर रात आपात बैठक बुलाकर कचरे के निष्पादन को फिलहाल रोकने व कोर्ट जाने का फैसला लिया था।

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