सोयाबीन खरीदी… अंतिम दिन तक १८ हजार ६९५ किसानों ने बेची एमएसपी पर सोयाबीन

 

२१ हजार १७१ ने कराया था पंजीयन

-१४ हजार ७६८ किसानों को २४१ करोड़ रुपए का अब तक हो चुका भुगतान

 

अनोखा तीर, हरदा। प्रदेश में पहली बार सोयाबीन खरीदी सर्मथन मूल्य पर की गई। जिले में सोयाबीन खरीदी के अंतिम दिन ३१ दिसंबर २०२४ तक १८ हजार ६९५ किसानों ने अपनी उपज बेची। इनमें से अब तक १४ हजार ७६८ किसानों को २४१ करोड़ ५४ लाख रुपए की राशी का भुगतान किया जा चुका है। समर्थन मूल्य पर उपच बेचने जिले के कुल २१ हजार १७१ किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें से १९ हजार ४०८ किसानों ने ही उपज बेचने हेतु स्लॉट बुक किए। खरीदी की अंतिम तारीख ३१ दिसंबर २०२४ तय की गई थी। जिसमें जिले के १८ हजार ६९५ किसानों ने सर्मथन मूल्य का लाभ लेते हुए अपनी उपच बेची जबकि स्लॉट बुक होने के बाद भी ७१३ किसान उपज बेचने नहीं आए। जिन किसानों ने मजबूरी के चलते मंडी में अपनी उपज बेची है उनको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। सोयाबीन का समर्थन मूल्य ४८९२ रुपए तय किया गया था। वही मंडी में सोयाबीन का भाव ३८०० से ४००० तक रहा है। जिस कारण मंडी में अपनी उपच बेचने वाले किसानों को प्रति क्विटंल १००० से १२०० रुपए तक का नुकसान हुआ है। दरअसल किसानों द्वारा सोयाबीन भाव ६००० करने की मांग को लेकर कई तरह के प्रदर्शन किए गए। जिसके बाद सरकार ने सोयबीन को समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया और समर्थन मूल्य ४८९२ रुपए रखा गया। समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी के लिए जिले में २५ केन्द्र बनाए, जहां १० से १५ नवंबर के बीच खरीदी शुरू हुई थी। इन केन्द्रों पर स्लॉट बुकिंग की आखरी तारीख २३ दिसबंर थी। इसके बाद समय सीमा में स्लॉट बुक करा चुके किसान ३१ दिसबंर तक अपनी उपज बेच सकते थे।

मंडी में भाव बढ़ने को लेकर कई किसानों ने नहीं कराया पंजीयन

इधर जानकारों की माने तो कई किसानों ने इसलिए पंजीयन नहीं कराया क्योंकि उन्हें लगता था कि मंडी में सोयाबीन का भाव समर्थन मूल्य से ज्यदा मिलेगा। यही कारण रहा का जिले में सोयाबीन खरीदी के लिए मात्र २१ हजार किसानों ने ही पंजीयन कराया और इनमें से भी १९ हजार ने ही स्लॉट बुक किए तथा १८ हजार ने ही अपनी उचज समर्थन मूल्य पर बेची। यह अंतर बताता है कि किसानों ने सोयबीन समर्थन मूल्य पर बेचने में रूचि नहीं दिखाई। जबकि सोयाबीन का भाव मंडी में समर्थन मूल्य से कम रहा और किसानों को नुकसान उठाना पड़ा।

सोयाबीन भाव ६००० करने किसानों ने किया बड़ा आंदोलन

सोयाबीन भाव ६००० करने की मांग को लेकर जिले के हजारों किसान जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए और बैलगाड़ी सहित ट्रेक्टर, जीप लेकर शहर में रैली निकाल कर शासन से सोयाबीन भाव ६००० करने की मांग की गई। शहर में किसानों द्वारा निकाली गई यह विशाल रैली खासी चर्चा में रही। साथ ही किसानों ने अपनी मांग को लेकर जल सत्याग्रह जैसे प्रदर्शन भी किए। किसानों की मांग अनुसार सोयाबीन का भाव ६००० तो नहीं हुआ लेकिन सरकार ने सोयाबीन को समर्थन मूल्य ४८९२ पर पहली बार खरीदने का फैसल लिया गया।

रबी फसल के लिए किसानों को सलाह

कृषि उपसंचालक संजय यादव ने रबी फसल के लिए किसानों को सलाह दी है कि मौसम परिवर्तन के चलते लगातार अपने खेतों की निगरानी करते रहे। साथ ही समय-समय पर आवश्यकतानुसार चने की फसल पर दवाई का छिड़काव करते रहे।

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