–हार्ट फुलनेस संस्था के अनुभवी प्रशिक्षकों ने ‘ध्यानÓ के लाभ से कराया अवगत
-योगासन एवं प्राणायाम का अभ्यास कराया
अनोखा तीर, हरदा। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत के सह प्रायोजक के रूप में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया है। जिसके चलते प्रथम विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार पुलिस की समस्त ईकाईयों मे ध्यान शिविर का आयोजन किया गया। पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे के निर्देशानुसार विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन परेड ग्राउंड में कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य पुलिसकर्मियों में ध्यान के महत्व को समझाना और इसके विभिन्न लाभों तक पहुंचाना है। हार्ट फुलनेस संस्था के अनुभवी प्रशिक्षको डॉ. राजेश पटल्या एवं अजय गुप्ता शिक्षक द्वारा उपस्थित पुलिसकर्मचारीयों को ध्यान की मुद्रा का अभ्यास कराते हुये ध्यान के महत्व को बताया गया। ध्यान के माध्यम से व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में बेहतर प्रबंधन और एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। ध्यान से व्यक्ति के व्यवहार में सुधार होता है, जिससे पारिवारिक संबंध मजबूत बनते हैं। ध्यान शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, मानसिक शांति प्रदान करता है और आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है। ध्यान के अभ्यास से नकारात्मक आदतों और व्यसनों को छोड़ने में मदद मिलती है। ध्यान तनाव को कम करता है और व्यक्ति के भीतर गहरी शांति का अनुभव कराता है। पतंजलि योग पीठ से पधारे राधेश्याम गौर और संजय वर्मा द्वारा उपस्थित पुलिस कर्मचारीयों को योगासन एवं प्राणायाम का अभ्यास कराया गया। कार्याशाला में अति. पुलिस अधीक्षक रामदास प्रजापित, अति. पुलिस अधीक्षक श्रीमति राजेश्वरी महोबिया, एसडीओपी श्रीमति अर्चना शर्मा, डीएसपी सुश्री अरूणा सिंह, रनि. रजनी गुर्जर, थान प्रभारी सिविल लाईन एसएस चौहान, महिला थाना प्रभारी अंजना पाटिल, यातायात प्रभारी संदीप सुनेश एवं हार्ट फुलनेश संस्था के डॉ. राजेश पटल्या एवं अजय गुप्ता, पतंजलि योग पीठ के राधेश्याम गौर, संजय वर्मा, कमल मादुलकर, मोनिका मालवीय, भागवत दाखले एवं पुलिस थानों के 78 कर्मचारी उपस्थित रहे । अति पुलिस अधीक्षक रामदास प्रजापति ने कहा की पुलिस बल में लगातार कार्य की परिस्थितियों से उपजे तनाव में ध्यान के माध्यम से अवसाद तनाव प्रबंधन, बेहतर स्वास्थ्य, प्रसन्नचित्तता, कार्य के प्रति समर्पण, सामाजिक प्रतिबद्धता, संवाद कौशल, पारिवारिक सामंजस्य एवं सकारात्मकता जैसे गुणों का विकास करना संभव है।
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