चीतों के शावकों में टीआईसीकेएस की सूचना


 वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट दुबे ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
गणेश पांडे, भोपाल।
 वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर कहा है कि चीतों के शावकों में टीआईसीकेएस किलनी की सूचना मिली है, जो निरंतर मॉनिटरिंग के दावों पर प्रश्न उठाता है। दुबे ने यह दावा किया है कि कुनो नेशनल पार्क में चीतों को अवैधानिक रूप से 110 बार ट्रेंकुलाइज किया गया। उनका कहना है कि  ट्रेंकुलाइज करने के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन  की अनुमति नहीं ली गई और न ही उसका कोई रिकॉर्ड रखा गया। वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट दुबे ने यह पत्र केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ सचिव पर्यावरण वन और सदस्य सचिव एनटीसीए को भी भेजा है। पत्र में आगरा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम चीता प्रोजेक्ट को गड़बड़ियों से बचाने के लिए सख्त कदम उठाएं। पत्र में उल्लेख किया है कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 11 में शेड्यूल -एक में चीता को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ की अनुमति अनिवार्य है, जिसका उल्लंघन कुनो नेशनल पार्क के डीएफओ और सिंह परियोजना के संचालक उत्तम शर्मा द्वारा किया गया। उनका कहना है कि चीतों के स्वास्थ्य के साथ जानलेवा व्यवहार किया गया, जिसकी जांच जरूरी है। पत्र उल्लेख है कि कुछ दिन मृत हुए पवन चीता की मॉनिटरिंग में भी लापरवाही हुई थी। पवन के अनावश्यक एवं अवैध रूप से ट्रेंकुलाइज किया गया था, जो इसके लिए घातक साबित हुआ। ऐसी संभावना है कि अन्य मृत चीतों में यही कारण जानलेवा साबित हुआ हो। एनटीसीए एसओपी प्रोटोकॉल अनुसार विगत समय में मृत चीतों के पोस्टमार्टम की वीडियो ग्राफी नहीं करवाई गई। कुनो नेशनल पार्क में बड़ी संख्या में अनावश्यक रूप से चीतों के सैंपल लिए गए लेकिन इनकी रिपोर्ट न एनटीसीए को भेजी गई न सूचित किया गया। इसमें भी अधिनियम अनुसार विधिवत अनुमति नहीं ली गई। दुबे ने केंद्रीय मंत्री से मांग की है कि संचालक उत्तम शर्मा और डीएफओ कुनो नेशनल पार्क को हटाकर एसआईटी गठित कर कुनो नेशनल पार्क की निष्पक्ष जांच कराए।

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