यातायात पुलिस ने 8 माह में 7514 वाहनों के बनाए चालान
लोकेश जाट, हरदा। वाहन चालक खुद की जान से खिलवाड़ कर रहे है। सड़क दुर्घटानाओं में ज्यादातर मौते यातायात नियमों का पालन नहीं करने से हो रही है। हेलमेट नहीं पहनना, सीट बेल्ट नहीं लगाना, तेज रफ्तार में वाहन चलाना दुर्घटनाओं का कारण है। यातायात पुलिस के लाख प्रयासों के बाद भी वाहन चालक सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। विभाग द्वारा यातायात के नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों के चालान बनाकर, गुलाब का फूल देकर, यातायात सुरक्षा सप्ताह के तहत विभिन्न प्रकार के आयोजन कर समझाइश देने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक पिछले आठ माह में यातायात पुलिस द्वारा ७५१४ वाहन चालकों के खिलाफ अलग-अलग यातायात नियम उलघंन में चालानी कार्रवाई की गई। इस दौरान इन वाहन चालकों से ३२ लाख १९ हजार २०० रुपए का जुर्माना भी वसूला गया। जुर्माना भुगतने के बाद भी वाहन चालक नियमों का पालन करने से गुरेज कर रहे है। इनमें सबसे ज्यादा ६५३५ चालान बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने वालों के बने है। लोगों को समझना होगा की यातायात नियमों को उनकी स्वयं की सुरक्षा के लिए बनाया गया है और उन नियमों का पालन करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। यातायात नियमों को पालन नहीं करते हुए पुलिस चैकिंग से बचकर निकलना कुछ लोग अपनी चालाकी और समझदारी समझते हैं। जबकि यह स्वयं के प्रति लापरवाही है जिससे आपकी जान पर बन आ सकती है। हेलमेट पहनाना, सीट बेल्ट लगाना आदि नियमों का पालन स्वयं की सुरक्षा की गांरटी है। वर्तमान में लगभग सभी वाहन चालकों को यह मालूम होता है कि वाहन चलाते समय किन नियमों का पालन करना अनिवार्य है बावजूद इसके लोग इनका पालन नहीं कर रहे है। सड़क पर रोजाना कम उम्र के बच्चें भी दोपहिया से लेकर चारपहिया वाहन चलाते देखे जा सकते है। माता-पिता को भी यह बात समझना होगी की अपने बच्चों को इस तरह वाहनों का उपयोग करने से रोके। जब तक लोग स्वयं जिम्मेदार नहीं बननेंगे तो केवल चालानी कार्रवाही ही होती रहेगी और सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता रहेगा। यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों को पर लगातार कार्रवाही की जा रही है। लेकिन लोग कार्रवाही के बाद भी नियमों को पालन नहीं करते हुए कार्रवाई से बचने के लिए विभिन्न प्रकार के जतन करने लगते है।
99 प्रतिशत बाइक चालक नहीं पहनते हेलमेट
जानकारी के मुताबिक शहर में करीब 99 प्रतिशत से अधिक दो पहिया वाहन चालक आज भी बिना हेलमेट के ही फर्राटे से वाहन दौड़ते दिखाई देते है। दो पहिया चालक हेलमेट पहनने में रूचि नहीं ले रहे है। बिना हेलमेट बाइक चलाने से हादसे होने पर कई वाहन चालक असमय मौत का शिकार भी हो चुके है। इसके बाद भी वे अपनी आदत में सुधार लाने को तैयार नहीं है। हेलमेट पहनने से सड़क दुर्घटना के दौरान सिर में गंभीर चोट से बचा जा सकता है, लेकिन वाहन चालक लापरवाही कर अपनी ही जान से खिलवाड़ कर रहे है।
सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत किया जा रहा जागरूक
यातायात पुलिस द्वास सड़क सुरक्षा का आयोजन कर वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं आयोजन कर विद्यार्थियों को नियमों का पालन करने की समझाइस दी जा रही है। लेकिन इसका असर वाहन चालकों पर होता दिखाई नहीं दे रहा है। वाहन चालक अपनी मनमर्जी से फरटि से वाहन दौड़ा रहे है। यहां तक कि लोगों को यातायात नियमों के पालन करने समझाइस देने वाले पुलिस के जवान ही नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वाहन चलाते देखे जा सकते है।
सीसीटीवी फुटेज से कार्यवाही हो तो बन सकती है बात
यदि पुलिस द्वारा वाहन चालकों के खिलाफ लगातार सख्ती से कार्रवाई की जाती है तो लोगों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। शहर के प्रमुख चौराहों एवं मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके है। इससे पुलिस कंट्रोल रूम में लगे उच्च गुणवत्ता के स्क्रीन पर नियमों की अवेहलना करने वाले वाहन चालकों की लगातार मानिटरिंग की जा सकती है। पुलिस चाहे तो बड़े शहरों की तर्ज पर सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों के घरों पर चालान भेजने की कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रकार की लगातार कार्यवाही होने पर वाहन चालकों को नियमों का पालन करने के लिए मजबूर होना पड सकता है। जिला मुख्यालय पर कुछ समय तक फुटेज के आधार पर भी चालानी कार्रवाई हुई लेकिन समय के साथ इसको भी लगभग बंद कर दिया गया है। अगर फूटेज के आधार पर सख्ती से कार्रवाही की जाए तो हालात में सुधार किया जा सकता है।
इन यातायात नियम अवहेलना में बने इतने चालान
बिना हेलमेट – 6535
बिना सीट बेल्ट – 515
बिना बीमा – 15
बिना ड्रायबिंग लायसेंस – 27
ब्लैक फ्लिम – 21
तीन सवारी – 54
मोबाईल का उपयोग – 5
नो पार्किंग – 57
प्रेशर हार्न का उपयोग – 47
अन्य – 238
इनका कहना है..
यातायात पुलिस द्वारा विभिन्न प्रकार के आयोजन कर लागों को नियम पालन करने के लिए जागरूक किया जाता रहता है। सड़क दुर्घटना में ज्यादातर मौते सिर में चोट लगने के कारण होती है, यदि चालक हेलमेट का उपयोग करता है तो वह इससे बच सकता है। यातायात के नियम लोगों की सुरक्षा के लिए ही बनाए गए है। लागों को स्वयं जागरूक होना पड़ेगा। चालानी कार्रवाही के दौरान भी लोगों को यही समझाया जाता है कि आप नियमों का पालन करें और सुरक्षित रहे। यदि लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे तो सड़क दुर्घटओं में होने वाली मौतों पर अंकुश नहीं लग पाएगा। मेरी सभी से अपील है कि जिम्मेदार नागरिक की तरह यातायात नियमों का पालन करें।
संदीप सुनेश, यातायात थाना प्रभारी