मांगरूल में सफाई व्यवस्था की हालत दयनीय

आखिर कब तक कागजों में चलेगा सफाई अभियान



अनोखा तीर, हंडिया। तहसील क्षेत्र की पंचायती राज व्यवस्था को लेकर आम लोगों में यह धारणा थी कि प्रदेश में पंचायती राज आने से विकास की गति को बल मिलेगा और तीव्र गति से लोगों की समस्या हल होगी। मगर पंचायती राज केवल दिगसपन बनकर रह गया है। स्मरण रहे कि पूर्व में भी ग्राम मांगरूल के इसी वार्ड में सफाई व्यवस्था के हाल बुरे थे और आज भी वैसे ही है, लेकिन अब यदि ग्राम पंचायत इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं देगी तो आने वाले समय में संक्रामक बीमारियों के फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता।

सफाई व्यवस्था के बुरे हाल  
मांगरूल ग्राम में पेय जल संकट कि बात की जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। लम्बे समय से ग्राम के कुछ वार्डो में पानी के लिए लोगों को न तो टंकी से पानी उपलब्ध हो पा रहा है और ना ही अन्य श्रोतों के माध्यम से। घरों के सामने नालियों का दुर्गंधयुक्त गन्दा पानी परेशानी का सबव बना हुआ है। ग्रामीणों द्वारा इस संबंध में अनेकों मर्तबा जिम्मेदारों को अवगत भी कराया गया, मगर किसी ने भी इस तरफ़ ध्यान नहीं दिया। ग्राम के 13 वार्ड में जाने बाले मार्गं पर भी नालियों का गन्दा पानी बह रहा है, जहां से आंगनबाड़ी जाने बाले छोटे-छोटे नौनिहालों को इसी मार्ग से आना जाना पड़ता है। जिससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही हैं। ऐसे ही अन्य वार्डों में नालियों का पानी बीच मार्गों पर बह रहा है और जिम्मेदार कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं।

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