अनोखा तीर, हरदा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ऐसे किसान जिनकी खरीफ फसल अधिक वर्षा होने से जल भराव के कारण खराब हो चुकी है वे कृषि विभाग व बीमा कंपनी को व्यक्तिगत आवेदन देकर अपनी फसल नुकसानी का बीमा क्लेम कर सकते हैं। अधिवक्ता दिनेश यादव ने बताया कि वर्षा के कारण किसानों के खेतों में जो नदी, नाले के किनारे हो या रेला हो या डबराई जमीन में जलभराव होने के कारण फसल खराब हो जाती है ऐसे किसान भले पूरे गांव की फसल अच्छी है, एक किसान भी व्यक्तिगत आवेदन बैंक प्रबंधक जहां उसका के.सी.सी. खाता है एवं कृषि विभाग, खरीफ वर्ष 2024 के लिए किसान के जिले में अनुबंधित बीमा कंपनी एवं तहसीलदार को आवेदन में बीमा प्रीमियम राशि, कृषि भूमि का रकबा, केसीसी खाता नंबर की जानकारी के साथ 72 घण्टे के अन्दर आवेदन देकर व्यक्तिगत बीमा क्लेम कर सकता है। ऐसे किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार 15 दिन में सर्वे व बीमा क्लेम राशि का निर्धारण कर 21 दिन में किसान को भुगतान किया जाता है। इस प्रकार के आवेदन देने वाले किसानों का किसी भी बैंक या सहकारी समिति में फसल बीमा प्रीमियम की राशि ऋणी या अऋणी कृषक के रूप में जमा होना जरूरी है, इस प्रकार के आवेदनों में किसानों को दो सावधानी अत्यन्त आवश्यक है – आवेदन दिनांक के 72 घण्टे के अन्दर जल भराव से फसल खराब होना दर्शाना चाहिए, व्यक्तिगत क्षतिपूर्ति फसल बीमा क्लेम के अंतर्गत फसल खराब होने का कारण जल भराव ही लिखना चाहिए। वर्तमान में जिन किसानों की भी सोयाबीन या अन्य खरीफ फसल खराब हुई है वे सभी किसान राजस्व विभाग के सर्वे की चिन्ता किये बगैर व्यक्तिगत सूचना देकर बीमा क्लेम कर सकते है। किसानों को साक्ष्य के रूप में अपनी कृषि भूमि में जल भराव व फसल खराब होने के फोटो भी आवेदन के साथ देना चाहिए तथा ग्राम पंचायत से पंचनामा भी बनवा सकते हैं।
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