सर्व ब्राम्हण समाज ने धामनोद पुलिस पर लगाए आरोप, एसडीएम और एसडीओपी को दिया ज्ञापन

विकास पवार, बड़वाह – स्थानीय सर्व ब्राह्मण महासभा के बंधुओ ने गुरुवार सुबह एसडीएम प्रताप सिंह अगास्य और एसडीओपी श्रीमती अर्चना रावत को एक ज्ञापन दिया। जिसमे समाज सदस्यो ने बताया की तहसील धरमपुरी के ग्राम मेहगांव निवासीअजय पिता विष्णुप्रसाद दुबे उम्र 50 विगत कई वर्षों से मेहगांव स्थित श्री राम मंदीर मे पंडताई का कार्य करते थे। जो सामाजिक रूप से भी प्रतिष्ठीत व्यक्ति थे।जिनका छोटा पुत्र शशांक उर्फ छोटु दुबे उम्र 20 जो की इन्दौर में सी.ए. की पढ़ाई कर रहा था। जो विगत कुछ समय से अपने घर मेहगांव में ही रहकर अपनी बीमार दादी व मां की सेवा करने के साथ ही अपने पिता अजय दुबे के साथ पूजा पाठ मे हाथ-बटा रहा था। किंतु कुछ आरोपित दर्शना पिता भुपेन्द्र पाटीदार, विशांक मनीष पाटीदार, लिपीक न्यायालय मण्डलेश्वर, मनीष पिता गौरीशंकर पाटीदार, राजू उर्फ आशिष पिता प्रेमचन्द पाटीदार, नरेन्द्र पिता देवराम पाटीदार, गजेन्द्र पिता भगवान पाटीदार, सुनिल पिता गब्बु पाटीदार, भुपेन्द्र पिता गौरीशंकर पाटीदार, समस्त निवासी ग्राम मेहगांव तहसील धरमपूरी जिला धार और साथ ही धामनोद थाने पर पदस्थ उप-निरिक्षक नरबद सिंह ठाकूर और धामनोद थाना प्रभारी अमीत कुशवाहा सहित समस्त स्टाफ द्वारा पंडीत अजय दुबे व उनके पुत्र शशांक दुबे को धामनोद थाने पर दर्ज एक झुटी शिकायत के आधार पर 16 अगस्त से 19 अगस्त 2024 तक प्रतिदीन बुलाकर प्रताडीत किया जा रहा था। जबकि उनके साथ मारपीट कर पिता पुत्र पर झूठे व मनगंढत आरोप लगाकर बलात्कार व झेडछाड जैसे आरोप मे फसाने की धमकी दी जा रही थी। जबकि इन सात आरोपित द्वारा भी थाने पर पुलिस अधिकारीयो के सामने मारपीट करने के साथ ही दोनो पिता पुत्र को नंगी- नंगी गालीया देकर अपमानीत किया गया। इस मामले में धामनोद पुलिस द्वारा भी मारपीट कर आरोपित का सहयोग कर अजय दुबे व पुत्र शशांक दुबे से इन सात आरोपित द्वारा 10 लाख नगदी व समझोता हेतु स्टांप एवं धामनोद थाने पर 5 लाख रुपए नगदी 19 अगस्त 2024 को लाकर देने को कहा गया था।

पुलिस और आरोपित से परेशान पिता और पुत्र ने नर्मदा से लगाई छलांग

पुलिस और आरोपितो के दबाव व प्रताडना के परेशान परिवार भयग्रस्त होकर मानसीक तनाव में आ चुका था। जिसके चलते पिता और पुत्र सुसाइड नोट छोडकर 19 अगस्त को मंडलेश्वर-कसरावद स्थित नर्मदा पुल से दोनो ने छलांग लगा दी। जिसके बाद पीड़ित ब्राम्हण परिवार लगातार 16 से 26 अगस्त तक धामनोद थाना पर जाकर अपने दोनो सदस्यो की तलाश हेतु मदद की गुहार लगाता रहा। परंतु पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नही करते हुए, पीडीत परिवार को थाने से भगाया जाता रहा। इस दौरान पिडीत परिवार ने स्वयं के प्रयास से बालक शशांक की लाश को 26 अगस्त को नर्मदा के धरमपूरी घाट से खोजा और इसकी सुचना धामनोद थाने पर पुलिस को दी। इसके बावजूद थाना प्रभारी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा की यह लाश शशांक की नही है।

धरमपुरी पुलिस के हस्तक्षेप से हुआ मृतक का पीएम

ऐसी स्थिति में इसकी सुचना धरमपूरी थाने पर दी गई। जिसके बाद धरमपूरी थाना प्रभारी द्वारा तुरंत इस मामले को संज्ञान में लेकर मर्ग कायम कर शव को पीएम हेतु सिविल अस्पताल धरमपूरी भेजा। इतना होने के पश्चात् भी आरोपीयो के विरूद्ध धामनोद थाना प्रभारी ने प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज नही की। इस पर पीडीत परिवार ने बालक का दाह संस्कार करने के पश्चात् 27 अगस्त 2024 को थाने का घेराव किया। जिसके बाद धामनोद एसडीओपी मोनीका सिह द्वारा मौके पर आकर दो दिन में कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। इस पर उपस्थित भीड ने थाने पर बैठकर आरोपियो की गिरफ्तारी की मांग की,और आरोपियों के सहयोग करने वाले थाना उपनिरीक्षक नरबदसिह ठाकुर के विरूद्ध कढी कार्यवाही की मांग की। इस मांग पर रात्रि मे आरोपीयो के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया। इस मामले में समाज सदस्यो ने आरोप लगाया है की इस पूरे मामले में पुलिस विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने धामनोद पुलिस विभाग के दोषी अधिकारी व स्टाफ के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही की। यहां तक कि आज दिनांक तक अजय दुबे की भी तलाश नही की जा रही है। मगर धामनोद थाना पुलिस की निष्क्रीयता के चलते एक परिवार अनाथ हो गया। उस परिवार का पालन पोषण करने वाले मुखिया तथा पुत्र शशांक की जान धामनोद पुलिस के समस्त स्टाफ के द्वारा ले ली गई। समाज सदस्यो ने वरिष्ठ अधिकारियों से मांग की है कि पीडीत गरीब व निर्धन बाम्हण परिवार के हित में एक करोड रूपये की आर्थिक सहायता राशि और समस्त दोषियो एवं थाना धामनोद के समस्त अमले के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही कर दोषियों को तत्काल कार्यमुक्त करे। हालाकी समाज सदस्यो ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारीयो की टीम गठित कर उच्चस्तरीय जांच कर परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। ताकि आम नागरिक का न्याय व्यवस्था पर भरोसा बना रहे। साथ ही आरोपीयो के विरूद्ध बुलडोजर की कार्यवाही भी करें। समाज सदस्यो का कहना है की इस घटना से हम समस्त समाजजन भयग्रस्त है। जबकि पीड़ित परिवार की जान को भी खतरा है।जिसको ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द कार्यवाही की जाए।

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