किराया अपनी मर्जी का.. प्रशासन मौन
लोकेश जाट, हरदा। त्योहार आते ही प्राइवेट बस वाले किराए में अपने हिसाब से बढ़ोतरी कर लेते हंै और अपनी मर्जी से किराया यात्रियों से वसूल किया जाता है। रक्षाबंधन के एक दिन पहले से ही हरदा-इन्दौर बस वालो ने अपनी मर्जी से यात्रियों से तय किराये से ज्यादा किराया वसूल करना शुरू कर दिया था। इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों तक कई शिकायत भी पहुंची है, लेकिन प्रशासन मौन है। यहां तक की आनलाइन टिकट बुकिंग में भी किराया बढा दिया गया है, जैसे-जैसे बस की सीटें भरने लगती है यह बची हुई सीट का किराया बढ़ा देते है। मजबूरी में यात्रियों को बस चालको के मनमर्जी किराये पर सफर करना पड़ता है। रक्षाबंधन त्योहार के चलते यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है जिसका फायदा यह बस संचालक मनमर्जी किराया वसूल कर उठाते है। हरदा से इंदौर जाने के लिए सामान्य दिनों में बसों का किरया 240 से 280 रुपए तक रहता है। लेकिन त्योहार आते है हरदा से इन्दौर का किराया 380 से 400 रुपए तक वसूला जाता है। इन बस संचालको को किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई का डर नहीं है। जैसे ही त्योहर आते है यह अपनी मर्जी से किराए में बढोतरी कर देते है। ज्यादा किराया वसूली करने की कई शिकायत प्रशासन और परिवहन विभाग तक पहुंची लेकिन चार दिन बीतने पर भी किसी प्रकार कोई कार्यवाही इन बसों पर नहीं हुई। परिणाम स्वरूप इनके हौसले और बुलंद होते जा रहा है। जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध में बात करने के लिए आरटीओ को तीन बार कॉल किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव करना उचित नहीं समझा।
पिछले वर्ष हुई थी चालानी कार्रवाई, इस बार ध्यान नहीं
पिछले वर्ष अगस्त 2023 में रक्षाबंधन त्योहर पर भी बस संचालकों द्वारा मनमर्जी का किराया यात्रियों से वसूला जा रहा था। जिसकी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर ऋषि गर्ग के पास पहुंची थी। कलेक्टर ने तुरंत आदेश देकर परिवहन विभाग को बसों की चैकिंग कर कार्रवाई करने को कहा था। परिवहन विभाग द्वारा ज्यादा किराया वसूली और क्षमता से ज्यादा सवारी बैठाने वाली सात बसों पर आठ हजार पांच सो रुपए की चालानी कार्रवाई की थी। इस वर्ष रक्षाबंधन पर बस संचालको द्वारा ज्यादा किराया वसूली को चार दिन बीत चूके है पर अभी तक इस और किसी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान नहीं गया है। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदारो को इसका पता नहीं है। सबको पूरी जानकारी है फिर भी प्रशासन मौन है।
यात्री बनकर जानी पूरी हकीकत
बुधवार को अनोखा तीर रिपोर्टर द्वारा यात्री बनकर यादव बस के कंडेक्टर से बात की गई। हमारे द्वारा उसे इन्दौर जाने का कहा गया तो उसने कितनी सवारी है पूछा, हमने कहा एक तो उसने कहां कि सीट के 400 रुपए लगेंगे। हमने इतने पैसे का इनकार किया तो बोला की 200 रुपए में खड़े होकर चलना पड़ेगाा। हमने कहा कि यह तो बहुत ज्यादा है उसने कहा कि चार दिन से यही किराया है और आगे दो-तीन दिन भी यही रहेगा। किसी भी बस में जगह नहीं मिलेगी। चलना हो तो चलो 5 मिनट में अन्यथा इस बस में भी खड़े रहने की जगह नहीं मिलेगी। आनलाइन टिकट बुक करने की कोशिश की गई तो शाम 4.40 की यादव बस में एक सीट खाली थी जिसका किराया 380 रुपए दिखाई दे रहा था। जबकि जिन बसों की सीट भर चुकी थी, उनका किराया 350 रुपए दिखाई दे रहा था। यदि हरदा से इंदौर के साधारण बस के किराए की बात की जाए तो वह मात्र 195 रुपए 150 कि.मी के लिए निर्धारित किया गया है, लेकिन सामान्य दिनों में भी यह बस संचालक अपनी मोनोपॉली चलाते हुए 240 रुपए वसूलते हैं और जब त्यौहार या अन्य कोई कारणों से भीड़ होती है तो यह सभी नियमों को तांक पर रखकर 400 से 500 रुपए प्रति सवारी किराया वसूल करते हैं।
इनका कहना है…
कोई भी बस संचालक तय यात्री किराया से ज्यादा किराया नहीं ले सकता है। यदि वह ऐसा करता तो कार्रवाई की जाएगी। मेेरे द्वारा परिवहन विभाग को ऐसी बसों पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा गया है।
आदित्य सिंह, कलेक्टर