अब मुखबिरों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

अर्जुनसिंह सरकार में किया था प्रावधान, मोहन सरकार ने किया निरस्त

दैनिक अनोखा तीर, हरदा। मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके चलते अब डाकुओं की मुखबिरी करने वालों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। उल्लेखनीय की मध्य प्रदेश में अर्जुन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 28 अगस्त 1981 को सामान्य प्रशासन विभाग ने एक प्रावधान किया था कि डाकुओं की सूचना देने वाले मुखबिरों को सरकारी विभाग में नौकरी दी जाएगी। उस समय मध्य प्रदेश के ग्वालियर, चंबल और चित्रकूट क्षेत्र में डाकुओं का बोलबाला हुआ करता था। सरकार को डाकुओं तक पहुंचने में इन्हीं मुखरों की मदद मिलती थी। जिसके चलते तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार ने मुखबिरों को अपनी जान पर खेल कर डाकुओं की सूचना देने और उन तक पहुंचने के मार्ग पुलिस को बताने की जोखिम भरे कार्य पर उन्हें सरकारी नौकरी से नवाज ने का फैसला लिया था। अब चुकी मध्य प्रदेश में डाकुओं का पूरी तरह सफाई हो चुका है। ऐसी स्थिति में पस्थिति जन लिए गए सरकार के उस फैसले को वर्तमान सरकार ने निरस्त कर दिया है। मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी कमिश्नरों तथा कलेक्टरों को पत्र जारी कर इस निर्णय की सूचना से अवगत करा दिया है।

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