भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश वर्मा से सीधी बात
भाजपा तैयार करेगी जिले में दूसरी पंक्ति के नेता
देश के सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा ने जहां प्रदेश में 5 वीं बार भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई, लेकिन हरदा जिले की दोनों सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा। वहीं जिले के सभी नगरीय निकायों में आज चाहे भाजपा का कब्जा है लेकिन उनकी कार्यशैली से जनता तो दूर स्वयं भाजपा के कार्यकर्ता और उनके पार्षद तक संतुष्ट नहीं हैं। हालात यह है कि हरदा ओर खिरकिया में तो अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तक की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है। सरकार में होने के बावजूद पार्टी कार्यकर्ताओं की पूछपरख नहीं होने से पार्टी के अंदर अनुशासन भी टूटता नजर आता है। जिस उम्मीद और विकास का वादा लेकर मैदानी कार्यकर्ता जनता के पास वोट मांगने गया था आज वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। हालात यह है कि सत्ताधारी दल भाजपा के जिलाध्यक्ष खुद जिले की चारों नगरीय निकायों के बीते दो वर्षों के कार्यकाल की कोई उपलब्धि बताने की स्थिति में नहीं है। वह मानते हैं कि जिले में संगठनात्मक निष्ठा पर व्यक्तिवादी निष्ठा हावी होना महसूस किया जा रहा है। इसी के परिणामस्वरूप पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब पार्टी शीघ्र ही कार्यकर्ताओं की नाराज़गी दूर करते हुए उनकी सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करने और जिले में दूसरी पंक्ति के नेता तैयार करने का कार्य भी प्राथमिकता के तौर पर करने जा रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश वर्मा उर्फ काका से दैनिक अनोखा तीर के संपादक प्रहलाद शर्मा ने कुछ ऐसे ही विषयों पर सीधा बात की, जो इस तरह है –
अनोखा तीर – आप सत्ताधारी दल के जिलाध्यक्ष हो प्रशानिक अधिकारी आपकी बात को कितना तब्बजो देते हैं?
राजेश वर्मा – अधिकारी दोनों ही दलों को महत्व देते हैं। लेकिन यह सही है कि प्रशासनिक अधिकारी सरकार की मंशानुरूप कार्य नहीं कर पा रहे हैं। मैंने स्वयं वैसे तो कभी कोई ऐसा व्यक्तिगत कार्य किसी अधिकारी को नही बताया, लेकिन जैसे अवैध रेत उत्खनन हो या जुआ-सट्टा, अवैध शराब जैसे विषयों पर कार्रवाई के लिए कहां था, परंतु उस पर भी उतने प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने का कार्य नहीं हुआ। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि अभी तक जिले में हमारे पास हमारा कोई विधायक या प्रभारी मंत्री नहीं था लेकिन अब प्रभारी मंत्री बन गए हैं तो हमारी बात का वजन भी बढ़ जाएगा।
अनोखा तीर – देश ओर प्रदेश में भाजपा की सरकार तो बन गई लेकिन मैदानी कार्यकर्ताओं को क्या मिला?
राजेश वर्मा – सरकार बनने से कार्यकर्ता का वजन वैसे ही बड़ जाता है। आज मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को पार्टी ने जिलाध्यक्ष का दायित्व सौंपा है।
अनोखा तीर – कार्यकर्ता की सत्ता में भागीदारी तो नहीं हो पाई, जैसे नगरीय निकायों में एल्डरमैन, राज्य में निगम, मंडल ओर जिला व पंचायत स्तर की समितियों में प्रशासनिक स्तर पर भागीदारी जैसे नियुक्तियां पिछले कई सालों से नहीं हुई है?
राजेश वर्मा – यह बात सही है और इसका सीधा प्रभाव भी हमारे कार्यकर्ताओं पर पड़ता है। लेकिन अब सरकार ओर संगठन दोनों ही इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं। आपको अगले 15 दिनों में इस विषय में भी परिणाम देखने को मिलेंगे। हम विशेषज्ञता अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपने जा रहें हैं।
अनोखा तीर – जिले की सभी नगरीय निकाय आपकी है। आपकी नजर में बीते दो वर्षों में उनकी उपलब्धियां क्या है?
राजेश वर्मा – हां यह बात तो सही है कि ऐसे कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं हुए हैं। लेकिन हरदा नगर पालिका ने अजनाल नदी तट के लिए एक कार्य-योजना तैयार की है जिसके लिए ढाई करोड़ का प्रोजेक्ट भी स्वीकृत हो गया है। वहीं हरदा नगर पालिका द्वारा कायाकल्प योजना के तहत सरकार से लगभग चार साढ़े चार करोड़ रुपए प्राप्त कर सड़क, नाली, पानी जैसे कार्य किए हैं।
अनोखा तीर – आपको लगता है कि हरदा शहर की सड़कों और नाली पानी जैसी सुविधाओं पर साढ़े चार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं? हरदा की कौन-सी सड़क आपको सुधरी हुई लगती है?
राजेश वर्मा – हंसते हुए, अब यह तो जांच का विषय हो सकता है।
अनोखा तीर – हरदा सफाई में पहले 8 नंबर पर हुआ करता था आज कहां है?
राजेश वर्मा – हां सफाई के मामले में तो स्थिति ठीक नहीं है लेकिन हम इसे शीघ्र ही सुधार रहे हैं।
अनोखा तीर – आपके खिरकिया ओर हरदा नगरीय निकायों से तो जनता ही नहीं बल्कि आपके पार्षद भी असंतुष्ट हैं और यहां तो अविश्वास प्रस्ताव की भी सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है?
राजेश वर्मा – अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति तो खैर नहीं बनेगी। मैंने खुद खिरकिया जाकर सभी पार्षदों से चर्चा कर उन्हें समझाया भी है। अध्यक्ष से भी कहा कि सबके साथ समानता का व्यवहार करते हुए साथ लेकर चलों। इसी तरह हरदा के पार्षदों से भी चर्चा हो गई है और लगातार उनके संपर्क में भी रहता हूं। सभी अपने अपने क्षेत्रों में काम करवाना चाहते हैं लेकिन फंड के अनुसार ही काम हो पाते हैं।
अनोखा तीर – नगर पालिका चुनाव दौरान जो असंतोष उभरा था उसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में पार्टी को भुगतना पड़ा। आपने इस असंतोष को दूर करने का कितना प्रयास किया?
राजेश वर्मा – मैंने सभी असंतुष्टों से बातचीत की है उन्हें समझाया भी है कि आप हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो ओर समय आने पर आपको यथायोग्य दायित्व सौंपा जाएगा।
अनोखा तीर – भाजपा को कार्यकर्ता आधारित पार्टी ओर कार्यकर्ता को विचार आधारित माना जाता है लेकिन क्या आप मानते हैं कि हरदा जिले में पार्टी की बजाय व्यक्तिवादी कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक है?
राजेश वर्मा – हां यह सही बात है कि संगठनात्मक निष्ठा पर व्यक्तिवादी निष्ठा हावी होना महसूस किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप ही हमें पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब हम निष्ठावान कार्यकर्ताओ को तैयार करने का कार्य तेजी से कर रहे हैं।
अनोखा तीर – क्या उसी तरह जैसे पार्टी के मूल कैडर के कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर टिमरनी में कांग्रेस के आयातित देवेन्द्र भारद्वाज को नगर पंचायत का अध्यक्ष बनाया ?
राजेश वर्मा – अब मैं इस विषय पर तो कुछ नहीं कह सकता यह बात मेरे अध्यक्ष बनने से पहले की है। लेकिन अब हम कार्यकर्ताओं के मनोबल को टुटने नहीं देंगे। जल्दी ही हमारे कार्यकर्ताओं की सत्ता में भागीदारी देखने को मिलेंगी।
अनोखा तीर – एक आखिरी सवाल, जिले में पूर्व विधायक कमल पटेल और संजय शाह के बाद दूसरी पंक्ति का नेता कौन है? क्या पार्टी सेकंड लाइन पर कोई कार्य कर रही है?
राजेश वर्मा – जी हां, पार्टी विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों के जुझारू युवाओं को पार्टी लाइन से जोड़ते हुए उन्हें आगे लाने की नीति पर तेजी से कार्य कर रही है। हम जिले में ऐसे 100 युवाओं की एक टीम तैयार कर रहे हैं और फिर उसमें से या वर्तमान में संगठन के प्रति गहरी निष्ठा रखने वाले कार्यकर्ता को दूसरी पंक्ति के नेता के रूप में तैयार करेंगे।
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