गांव में हुई ९० हजार की चोरी, 12 दिन बाद भी पुलिस नहीं पहुंची
एसपी के नाम आवेदन देकर फरियादी ले लगाई न्याय की गुहार
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अनोखा तीर, हरदा। जिला मुख्यालय से २० किमी दूर करताना पुलिस चौकी क्षेत्र के गांव गोगिया में ९० हजार नगदी राशि घर से चोरी हो गई। जिस पर कार्रवाई नहीं होने के कारण सोमवार को फरियादी घनश्याम पिता कचरिया ओसले पुलिस अधिक्षक से गुहार लगाने पहुंचा। फरियादी ने एसपी के नाम एडीशनल एसीपी राजेश्वरी महोबिया को अवेदन देकर बताया कि मैं एक गरीब किसान हूं। मेरे द्वारा स्वयं की दो एकड़, मां की दो एकड़ कुल ४ एकड़ जमीन खोट पर दी गई है। जिसकी नगद राशि ९० हजार रुपए घर की सदंूक में रखी थे। घर पर मेरी ८० वर्षीय मां बसंती बाई अकेली थी। मैं अपनी पत्नी का ईलाज कराने जिला अस्पताल हरदा गया हुआ था। अस्पताल से आठ दिन बाद लौटा तो देखा की संदूक का ताला टूटा हुआ था और उसके अंदर बैग में रखे रुपए गायब थे। दिनांक १३ जून २४ को मैं करताना पुलिस चौकी में एफआईआर दर्ज कराने गया था। एफआईआर लिखने की जगह सादे कागज पर लिखकर मेरे हस्ताक्षर कराकर मुझे चौकी से रवाना कर दिया और कहा कि हम जांच करने आएंगे। बारह दिन बीत जाने के बाद भी कोई नहीं आया। घर मेें हुई चोरी के कारण मेरी मां सदमें में है और बीमार हो गई है। घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है। आज मैं एसपी साहब से उचित कार्रवाई करने की मांग लेकर आया हूं।
एडीसनल एसपी श्रीमती महोबिया द्वारा आवेदन का संज्ञान लेकर तुरंत कार्रवाई करते हुए करताना चौकी प्रभारी को फटकार लगाई और टिमरनी थाना प्रभारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पुलिस की इस तरह की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा होता है कि आखिर तेरह दिन तक पुलिस मौके पर क्यूं नहीं पहुंची? क्या पुलिस का काम करने का यही तरिका है? ग्रामीण क्षेत्रों में बनी पुलिस चौकी में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा इस तरह की लापरवाही आए दिन देखने को मिल जाती है। गांव में हुई चोरी की वारदातों पर कार्रवाई नहीं होने से चोरो के हासले बुलंद हो जाते है। ढीली कार्रवाई के कारण लोगों में पुलिस की छबि खराब होती है। पुलिस अधीक्षक द्वारा इस ओर ध्यान देते हुए जिले के सभी चौकी और थानों में सख्त आदेश दिया जाने चाहिए कि सभी मामलों में तुरंत जांच शुरू करके उचित कार्रवाई की जाए। जिससे कि पुलिस के प्रति लोगों मेें विश्वास बना रहे।