जिला प्रशासन अवैध उत्खनन पर नकेल कसने का प्रयास कर रहा है, किंतु खनन माफिया उनके प्रयासों को असफल करने में लगा है। सिराली तहसील के ग्राम सोनपुर में संचालित मिश्रा कंस्ट्रक्शन की क्रेशर पर अवैध तरीके से खुदाई कर गिट्टी एवं मुरूम का कारोबार किया जा रहा है। जिसमें शासन को करोड़ो रुपए का चूना लगाया जा रहा है। प्रतिदिन सैंकड़ो डंपर गिट्टी की बिक्री की जाती है जो कि बिना रॉयल्टी के ही सप्लाई की जा रही है और नजदीकी ग्राम दोगलिया से अवैध उत्खनन कर पत्थर ले जा रहे हैं, जहां पर उत्खनन किया जा रहा है उस खदान में भी लगभग डेढ़ सौ फीट गहराई तक खुदाई की जा चुकी है।
अनोखा तीर, सिराली। खनन माफिया शासन को चूना लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आलम यह है कि मापदंड को दरकिनार कर खनन का कार्य किया जा रहा है। सिराली तहसील के ग्राम सोनपुरा में मिश्रा बंधु कंस्ट्रक्शन की क्रेशर मशीन पर अवैध तरीके से गिट्टी की बिक्री की जा रही है और अवैध उत्खनन कर लाए पत्थरों से गिट्टी बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिससे शासन को लाखों रुपए का चूना लग रहा है। आलम यह है कि अवैध तरीके से लाए हुए पत्थरों से पहाड़ बना दिए गए हैं और जिस स्थान से खुदाई की गई है, वहां पर गहरी गहरी खाई बना दी गई है, जो कि हादसे से का इंतजार कर रही है, क्योंकि उस स्थान पर ना तो बाउंड्री की गई है और ना कोई सुरक्षा के इंतजाम। इन खदानों में अवैध तरीके से ब्लास्टिंग भी की जाती है। जिससे कि आसपास के रहवासी काफी परेशान है। असमय किए गए विस्फोट के धमाके से रहवासी सिहर उठते हैं और भय के कारण रात रात भर नहीं सो पाते।
अवैध उत्खनन कर बना दिए पहाड़
आलम यह है कि क्रेशार मशीन के समीप खाली जगह पर उत्खनन कर पत्थरों के बड़े-बड़े ढेर लगाए गए हैं जो की देखने में पहाड़ के माफिक दिखाई दे रहे हैं। जिनका बाजार मूल्य करोड़ों में आंका जा सकता है, किंतु उपरोक्त क्रेशर संचालक द्वारा शासन को गुमराह कर रॉयल्टी की चोरी की जा रही है उपरोक्त के्रशर एवं खदान की जांच की जाए तो करोड़ों की हेरा फेरी सामने आ सकती है।
खदान की खाइयों में कर रहे हैं अवैध स्टॉक
पूर्व की खदानों में जो बड़ी-बड़ी खाई बनी है, उन्हें खाइयो में अवैध तरीके से लाकर पत्थरों का स्टॉक किया जा रहा है। स्टॉक इतनी भारी मात्रा में किया गया है कि इनका बाजार मूल्य लाखों में आंका जा सकता है और इन अवैध तरीके से लाइव पत्थर के माध्यम से खाइयों को ढकने का प्रयास भी किया जा रहा है। खदान एवं क्रेशर मशीन की जांच की जाए तो शासन को लाखों रुपए का फायदा होने का अनुमान है।
खदान पर लगाए बोर्ड में 2020 तक की है अनुमति
उपरोक्त खदान पर जो सूचना बोर्ड लगाया गया है उसके माध्यम से देखा जाए तो शासन की अनुमति 2020 तक दर्शाई गई है, किंतु वर्तमान में 2024 बीता जा रहा है और खदान बदस्तूर पर खुदाई बदस्तूर जारी है। सक्षम विभाग को चाहिए कि इस तरीके संचालित खदान की जांच की जानी चाहिए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में भारी मात्रा में खुदाई की जा रही है, जबकि परमिशन कुछ एकड़ की ही ली गई है। इस संबंध में माइनिंग अधिकारी को फोन पर संपर्क करना चाहा किंतु उनके द्वारा मोबाइल रिसीव नहीं किया गया।
इनका कहना है…
क्रेशर खदान पर कब तक की परमिशन है और कहां तक खुदाई की अनुमति दी गई है, कागजात बुलाकर जांच की जाएगी।
राजकुमार झरबड़े, तहसीलदार सिराली
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