अंतत: डॉ. मुखर्जी ने अपना जीवन ही दांव पर लगा दिया : लोहाना  

 

अनोखा तीर, हरदा। भारतीय जनसंघ पार्टी के पूर्व संस्थापक एवं कृषक प्रजा पार्टी का गठन करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 71वीं पुण्यतिथि भारतीय जनता पार्टी हरदा द्वारा मनाई गई। स्थानीय नर्मदेश्वर मंदिर स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष राजेश वर्मा, डॉ.श्रीरंग मुजुमदार एवं पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष मनोहरलाल शर्मा ने अपने उद्बोधन में डॉक्टर मुखर्जी को महान क्रांतिकारी बताते हुए देश की एकता और अखंडता के लिए उनके बलिदान को याद किया। साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं एवं साथियों से डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जीवनी का स्मरण करने हेतु भी अनुरोध किया।

भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक मनसुख लोहाना ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हमेशा इस बात के भरसक प्रयास किए थे कि बंगाल में हिंदुओं के हितों की उपेक्षा ना हो। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक एवं सामाजिक दृष्टि से हम सभी भारतीय एक हैं। वे धर्म के आधार पर विभाजन के कट्टर विरोधी थे। लोहाना ने कहा कि युगदृष्टा डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू काश्मीर में एक राष्ट्र, दो ध्वज का प्रखर विरोध किया था। वे शेर के समान दहाड़ते हुए कहते थे कि जम्मू कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है, किसी भी सूरत में एक राष्ट्र, दो विधान, दो निशान तथा दो प्रधान नहीं चलेंगे। करनी और कथनी में जरा भी अंतर न रखने वाले ऐसे महान शिक्षाविद एवं चिंतक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन ही दांव पर लगा दिया। वहीं दूसरी और कश्मीर की समस्या को अंतरराष्ट्रीय समस्या बताते हुए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसे भारत में ही रखा। इस समस्या को कई बार संयुक्त राष्ट्र संघ में भी ले जाया गया, लेकिन वहां भी इसका कोई सार्थक हल नहीं निकल पाया। परिणाम स्वरुप अलगाववादियों ने कश्मीर को हिंसा का केंद्र बना दिया एवं यह समस्या दिन पर दिन जटिल होती चली गई। श्री लोहाना ने कहा कि आज हम आभारी हैं हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के, आज हम आभारी हैं हमारे देश के गृहमंत्री अमित शाह के जिनके अथक प्रयासों से ही 5 अगस्त 2019 को कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने वाला अनुच्छेद 370 एवं 35 (ड्ड) को समाप्त कर दिया गया। अब हम जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को सही मायने में भारत के अभिन्न अंग के रूप में देख रहे हैं, जब देश के सभी नियम एवं प्रावधान वहां भी लागू हो गए हैं। देश की एकता और अखंडता के लिए हमारे नेताओं ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है और यही ऐतिहासिक निर्णय डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी को कृतज्ञ राष्ट्र का आज यही सर्वोच्च सम्मान है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री देवीसिंह सांखला, नपा उपाध्यक्ष अंशुल गोयल, सांसद प्रतिनिधि राजीव कमेडिया, बसंतसिंह राजपूत, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष विनोद गुर्जर, अशोक गुर्जर, भारतीय जनता पार्टी के विस्तारक अजय सोनी, संतोष किरावर, हुरमाले, संदीप पाराशर, गजानन डाले, सौरभ तिवारी, मधुकरराव गायकवाड़, राजेश चौरसिया, अजय शर्मा, राम देवहरे, कैलाश कुचबंदिया सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। अंत में राम देवहरे ने आभार व्यक्त किया।

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