पीजी अभ्यर्थियों का डाटा लगा साइबर ठगों के हाथ, सेंटर से लेकर सेंट्रल तक सेटिंग का दिया झांसा

अनोखा तीर जबलपुर:-नीट पीजी परीक्षा इसी माह 23 जून को होना प्रस्तावित है। जिले से सैकड़ों अभ्यर्थियों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन पत्र जमा किए हैं। परीक्षा की तिथि नजदीक आते ही साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं। परीक्षा में पास कराने का झांसा दे रहे हैं। अभ्यर्थियों से लाखों रुपये की मांग भी कर रहे हैं।

अभ्यर्थियों से संपर्क करने के अलावा आवेदन पत्र पर दिए गए वैकल्पिक मोबाइल नंबरों पर भी साइबर ठग संपर्क साधने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके चलते कुछ अभ्यर्थियों के माता-पिता के पास भी साइबर ठगों के फोन आ चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि दूसरे राज्यों में एमबीबीएस की पढ़ाई पूर्ण करने वाले शहर निवासी आवेदकों का डाटा भी साइबर ठगों के हाथ लग गया है।
उन्हें भी फोन आ रहे हैं। ठगों को यह जानकारी है कि अभ्यर्थी किस शहर का है, उसके शहर में कितने परीक्षा केंद्र हैं, उसने एमबीबीएस की पढ़ाई किस शहर से की है। साइबर ठगों के झांसे में आकर कुछ अभ्यर्थी अथवा उनके स्वजन रकम गंवा बैठे हैं। इधर, जो लोग रकम दे चुके हैं, ठगों से अब उनका सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। जिन नंबरों से ठगों ने संपर्क किया था उन पर अब फोन नहीं लग रहा।

शेष राशि परिणाम आने के बाद

साइबर ठगी की आशंका से सतर्क हुए कुछ अभ्यर्थियों व उनके स्वजन को भी ठगने में साइबर ठग कामयाब रहे। ऐसे लोगों ने ठगों को ‘टोकन मनी’ के नाम पर 10-50 हजार रुपये नेट बैंकिंग के जरिए दे दिए। शेष राशि की मांग परीक्षा परिणाम आने के बाद की गई है।

शहर निवासी एक अभ्यर्थी ने बताया कि फोन करने वाले ने पहचान संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी। जिसके बाद उसकी बातों पर भरोसा कर 30 हजार रुपये भेज दिए। अभ्यर्थी ने बताया कि जयपुर निवासी एक साथी ने भी इसी तरह के फोन काल के बाद नीट पीजी के प्रवेश पाने के लिए एडवांस के तौर पर 25 हजार रुपये दिए हैं।

साथी से चर्चा करने के बाद भरोसा हुआ

एक अन्य अभ्यर्थी ने बताया कि अज्ञात नंबर से उसके पास फोन आया। पीजी की सीट पक्की करने के लिए एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपये की मांग की गई। फोन करने वाले ने कहा कि देशभर के तमाम अभ्यर्थी उसके संपर्क में हैं। उसने कुछ अभ्यर्थियों के नाम बताए। इनमें कुछ ने उसके साथ एमबीबीएस की पढ़ाई की थी।

मुंबई निवासी साथी (नीट पीजी अभ्यर्थी) से उसने संपर्क किया। उसने बताया कि फोन उसके पास भी आया था। उसने एडवांस के तौर पर 20 हजार रुपये दिए हैं। अभ्यर्थी ने बताया कि साथी से हुई चर्चा उपरांत उसका भरोसा बढ़ा। साइबर ठग ने दोबारा संपर्क किया तो उसने भी एडवांस दे दिया।

यह है आशंका

पीड़ितों का कहना है कि नीट पीजी अभ्यर्थियों का डाटा साइबर ठगों के हाथ लग गया है। यही वजह है कि साइबर ठगों के पास अभ्यर्थियों का मोबाइल नंबर व अन्य विवरण मौजूद है। विदित हो कि एमबीबीएस उपरांत स्नातकोत्तर डिग्री व डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है।

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