अनोखा तीर, हरदा। क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन मूंग की कटाई अपने अंतिम चरण में है। इसी के साथ क्षेत्र में अगली खरीफ फसलों की तैयारियां तेज हो गई है। इन सबके बीच क्षेत्र के किसानों के लिये एक राहतभरी खबर है। इस बार सोयाबीन का बीज भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर जानकारी अदान-प्रदान करने का सिलसिला जारी है। जिससे कि यह सूचना गांव-गांव पहुंचाई जा सके। जिसका सार्थक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। खासकर सोयाबीन की वे तमाम वेरायटियां जिनकी किसानों के बीच मांग है। वहीं बीज की भरपूर उपलब्धता के चलते किसानों ने राहत महसूस की है। विशेषकर लघु सीमांत किसानों के लिये बड़ी राहत से कम नही है। ऐसा इसलिये, क्योंकि खरीफ सीजन में उन्हें सोयाबीन का अच्छा बीज ऊंचे दामों पर खरीदने की मजबूरी रहती थी। लेकिन इस बार ऐसा नही है। क्षेत्र के किसानों ने सोयाबीन की उन्नत किस्मों का स्टॉक कर रखा है, जो सीमित भाव के साथ किसानों से साझा किया जा रहा है। फलस्वरूप छोटे व सीमांत किसान अपनी जरूरत अनुरूप व्यवस्था में जुट गए हैं। किसानों की अलग-अलग टोलियां बीज के लिये हर रोज गांवों की तरफ कूच कर रही हैं। वहीं बीज क्रय कर निश्चिंत हो रहे हैं। यहां बताना होगा कि पिछले साल सोयाबीन की नई किस्म जीएस २११७, २१७२, ब्लैक बोल्ड समेत अन्य किस्मों के बीच 9 हजार रूपये क्विंटल तक मिला है। हालांकि, ये बीज ग्रिडिंग समेत अन्य प्रक्रियाओं को पूरा कर ३० किलो की पैकिंग में उपलब्ध कराया था। जबकि वहीं किस्म किसानों ने 8 हजार रूपये क्विंटल में बेची थी। इसी बीच किसानों ने अपना बीज तैयार कर लिया है। बहरहाल, भाव का ये खेल सोयाबीन के वर्तमान भाव पर आधारित बताया जा रहा है। अगर मंडी ऊंचे दाम पर बिकती तो बीज में महंगा मिलना तय था।
किसानों ने जुटाई व्यवस्था
यहां बताना होगा कि महंगा बीज खरीदने की झंझट से निजात पाने के लिये किसानों ने स्वयं का बीज तैयार करना प्रारंभ कर दिया है। वहीं उसके रखरखाव के लिये आवश्यक तमाम व्यवस्थाओं को भी जुटाया है।
5 से 7 हजार में उपलब्ध
किसानों ने बताया कि इस साल खरीफ सीजन में सोयाबीन का बीज 5 हजार से लेकर 7 हजार रूपये तक आसानी से उपलब्ध हो रहा है। खास बात यह कि जिन किस्मों की सर्वाधित डिमांड है, वे सभी सहज उपलब्ध हैं।
इन किस्मों की सर्वाधिक डिमांड
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले साल की तरह किसान उन्नत बीज की बुआई करने की तैयारी में हैं, ताकि अपेक्षाकृत उत्पादन हासिल किया जा सके। किसानों के मुताबिक गत वर्ष की भांति इस बार भी सोयाबीन की जेएस २११७, जेएस २१७२ की सर्वाधित डिमांड है। वहीं लंबे समय वाली पीएस १५८५, आरवीएस १२१०, जेएस २३०३, जेएस २२१६ – २२१8 शामिल हैं।
इनका कहना….
– पिछले साल महंगा बीज खरीदा था। जिससे बुआई का बजट बढ़ गया था। लेकिन इस साल बुआई के लिये बीज का स्टॉक कर रखा है, जो स्वयं की बुआई के साथ साथ अन्य किसानों को उपलब्ध कराएंगे।
शरद कुमार, किसान
– हर साल बीज की भागमभाग देखकर सोयाबीन की उन्नत किस्मों का बीज उपलब्ध है। इसके अलावा अन्य किस्म की जरूरत पड़ने पर दूसरे किसानों से सहज उपलब्ध हो रहा है, जो कि बीज की चिंता को विराम है।
प्रमोद शर्मा, किसान
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