अनोखा तीर, हरदा/हंडिया। हरदा जिले में रेत खदान की निलामी तो हुई थी, पंरतु एनजीटी की अनुमति नहीं मिलने के कारण शुरू नहीं हो पाई। इससे शासन को करोड़ों का नुकसान तो हुआ, परंतु रेत चोरों की पोबारह हो गई। कुछ दिनों से पुलिस अधीक्षक की सख्ती के चलते यह व्यापार बंद था, परंतु तुम डाल डाल तो हम पात-पात वाली कहावत चरितार्थ हो गई। अब रेत चोरों ने रात की बजाय दिन में बाकायदा किसानी ट्रालियों में रेत भरकर शहरों में बेची जा रही है।
लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके चलते रेत माफियाओं के होंसले बुलन्द हैं। बताया जा रहा है कि संपूर्ण नर्मदा क्षेत्र में यांत्रिक नौकाओं से अवैध खनन का कार्य खुलेआम बिना रोक टोक के किया जा रहा है। जानकार सूत्रों की माने तो खनिज विभाग के जिम्मेदारों और रेत माफियाओं की साठगांठ के चलते दिन-रात टैक्टर-ट्रॉलियो से यांत्रिक नौकाओं द्वारा प्रतिबंधित रेत खदानों में रेत का अवैध खनन कार्य किया जा रहा है। अब सवाल उठता है कि कब-तक मां नर्मदा का आंचल तार-तार होता रहेगा। कब-तक रेत माफियाओं को संरक्षण देने वाले जयचंद नर्मदा मां के आंचल को बदनुमा करते रहेंगे।
छीपानेर से हो रही सबसे अधिक रेत चोरी
जब अनोखा तीर ने इन रेत माफियाओं से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि गोयत, सुरजना, भमोरी, अजनई, उंचान, मैदा, मनोहरपुरा, सीगोन छोटी छीपानेर, गोंदागांव, भवरास आदि जगह बाहर के मजदूरों को इस काम में लगाया गया है। यह लेबर नाव के माध्यम से रेत निकाल कर ढेर लगाकर रख देते हैं। रात में जेसीबी के माध्यम से ट्रालियों और डंपरों में रेत भरकर रवाना कर दी जाती है। शनिवार सुबह की ही घटना है कि एक रेत कारोबारी ट्रेक्टर-ट्राली से रेत लाकर एक जगह रेत खाली कर रहा था जब उससे पूछा कि भैया कितने रुपए में रेत बेच रहे हो तो उसने कहा अभी 4500 रुपए प्रति ट्राली ले रहे हैं। बारिश होते ही हमारे पास जो स्टॉक में रेत रखी है, वह १०-१० हजार रुपए ट्राली में बेचेंगे। जब उससे पूछा कि भाई पुलिस और माइनिंग से कोई डर नहीं लगता, यदि आपकी ट्राली पकड़ा गई तो राजसात हो जाएगी। तो बोले भैया सभी काम सेटिंग से होता है। सभी थानों को महिना देते हैं। यदि कभी कोई चेकिंग आती है तो संबंधित थाने वाले ही मना कर देते हैं, कुछ दिन पहले उनके बड़े साहब स्वयं निकल पड़े थे, तो बंद करना पड़ा था। अब कोई दिक्कत नहीं है आपको भी चाहिए क्या? भैया हमारा नंबर अभी रेत जहां डाली है उनसे ले लेना। माल साफ सुथरा आ रहा है, फिर बारिश में दिक्कत आएगी। जानकारी के अनुसार छीपानेर में तो जेसीबी से भी रेत निकाल कर भरी जा रही है। अवैध रेत चोर और मोटर बोट में भी छोटी मशीन लगाकर रेत निकाली जा रही है। वहीं छीपानेर गोंदागांव मार्ग पर भी यह धंधा खूल फल फूल रहा है।
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