नगर परिषद में आपसी खींचतान से प्रभावित हो रहे विकास कार्य

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अनोखा तीर, सिराली। नगर परिषद के गठन होने के बाद से ही अध्यक्ष पार्षद एवं सीएमओ के बीच तालमेल न होने के कारण नगर का विकास दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। नगर परिषद बनने के बाद ग्रामीणों ने जो सपने संजोए थे वे सपने चकनाचूर होते दिखाई दे रहे हैं। साथ ही शासन की लाखों रुपए की राशि का बंदर बाट हो रहा है। ग्रामीण आए दिन सोशल मीडिया पर नगर परिषद के विकास को लेकर कई तरह की चर्चाएं करते नजर आ रहे हैं। पहली बार नगर परिषद बनने के बाद ग्रामीणों ने नगर का चौमुखी विकास एवं मूलभूत सुविधा मिलने का सपना देखा था वह अब दीबास्वप्न बनकर टूटता नजर आ रहा है। नगर से चुने हुए पार्षद अध्यक्ष एवं सीएमओ के बीच कभी भी तालमेल नहीं बैठ पाया जिसका खामियाजा नगर की जनता भुगत रही है, जिससे विकास कार्य तो प्रभावित हो रहे है वहीं मूलभूत सुविधाओं से भी लोग महरूम हो रहे हैं। शासन की योजनाओं का लाभ भी हितग्राही नहीं ले पा रहे हैं आए दिन पार्षदों का विवाद सुना जा रहा है। वहीं बीते वर्षों में हुए विकास कार्यों को लेकर भी ग्रामीण खासे नाराज हैं। क्योंकि जहां-जहां भी नाली निर्माण हुआ है अधूरा ही रह गया एवं जो नालीयों का निर्माण हो रहा है बिना मापदंड के किए जा रहे हैं। जिससे नाली का पानी कॉलोनी में भर रहा है वार्डवासी परेशान है एवं गर्मी के दिनों में गंदे नाली के पानी से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में कई प्रकार की बीमारियों का भी खतरा बना हुआ है।

40 लाख की नाली बनी चर्चा का विषय

परिषद की कार्यप्रणाली किसी के भी गले नहीं उतर रही है। वार्ड 6 में नगर परिषद द्वारा करीब 40 लाख रुपए की लागत से नाली का निर्माण किया जा रहा है जो विवादों से घिर गई है। सर्वप्रथम ग्राम पंचायत द्वारा पूर्व से बनी हुई लाखों रुपए लागत से बनी हुई नाली ठेकेदार द्वारा बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए तोड़ दी गई और सिराली हरदा मुख्य मार्ग की पटरी पर नाली निर्माण प्रारंभ किया, काफी विरोध होने के बाद एवं अखबारों की सुर्ख़ियों बनने के बाद लोक निर्माण विभाग जगा और एक दो नोटिस देकर भूल गया और नाली निर्माण होता रहा, किंतु वह नाली निर्माण वार्डवासियों के गले की फांस बनता नजर आ रहा है। अधूरा नाली निर्माण अब उस नाली का पानी वार्डवासियों के घरों में घुस रहा है, जिससे वार्डवासी खासे नाराज हैं। इधर सिराली हरदा मार्ग पर पटरी को खोद कर करीब 5-7 फीट गहराई से खोद कर पाइप दबाए गए, जिसे गायत्री मंदिर के मुख्य द्वार पर लाकर अधूरा छोड़ दिया गया। अब आलम यह है कि स्थानीय निवासियों के घरों के सामने पाइप का आ रहा गंदा पानी विगत एक सप्ताह से भरा हुआ है जिससे वार्ड वासी काफी परेशान है। इधर लोक निर्माण विभाग की लाखों रुपए की लागत से बनी डबल लेन सड़क का आवागमन भी अनिश्चिता की दिक्कतों में पड़ गया है। जानकारों की माने तो मार्ग से निकलने वाले भारी वाहनों के कारण यह सड़क कभी भी धस सकती है।

सीएमओ पर मिलीभगत के आरोप

नगर परिषद के वार्ड 10 में पुराना बस स्टैंड से मालापुर रोड तक करीब 300 मी से अधिक हो रहा नाली निर्माण को परिषद के पार्षदों ने गुणवत्ताहीन बताते हुए नगर परिषद सीएमओ को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री मध्य प्रदेश शासन के नाम पत्र लिखकर नाली निर्माण का भुगतान ना करने की मांग की है। पत्र में पार्षदों ने बताया कि नाली निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन किया जाकर अपूर्ण छोड़ दिया गया है। नाली निर्माण के दौरान नाली के घटिया निर्माण को लेकर समाचार पत्रों के द्वारा भी नगर परिषद का ध्यान आकर्षण कराया गया था किंतु सीएमओ सहित इंजीनियर द्वारा कार्य की जांच की गई और ना ही ठेकेदार के विरुद्ध कोई वैधानिक कार्यवाही की गई, जिससे इसमें आपसी मिली भगत की आशंका है। पार्षदो ने पत्र में निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय परीक्षण कराने की मांग की। पत्र में पार्षद माधवी पंकज गुप्ता, हयात खान, अनुराधा कुंज बिहारी सोमानी, सुलोचना सदाशिव गुर्जर, मेराज खान, कालूराम सेजकर, राजंति राजपूत, सुधा जितेंद्र मालवीय ने अपने हस्ताक्षर और पदमुद्रा सहित जारी कर निर्माण कार्य का भुगतान रोककर शासन से उचित कार्रवाई की मांग की है।

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