- अनोखा तीर, सोहागपुर। विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम अजनेरी के श्री गोविंद वेयरहाउस में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई सरकारी मूंग में 14 करोड़ रुपए की हेराफेरी करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। वेयरहाउस में 14 करोड़ रुपए की मूंग की जगह उसमें बोरियों में कंकर मिट्टी मिली हुई अमानत स्तर की मूंग रखी गई। ई नीलामी द्वारा 17 हजार क्विंटल मूंग खरीदने पर हेराफेरी का मामला उजागर हुआ। खरीददार की शिकायत के बाद श्री गोविंद वेयरहाउस में रखी मूंग की जांच कराई गई। जांच के पश्चात शिकायत सहीं पाई गई। वेयरहाउस कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक नगीन वर्मा ने सोहागपुर थाने में श्रीगोविंद वेयरहाउस संचालक सिमी सोमानी पति भरत सोमानी निवासी इंदौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। साथ ही वेयरहाउस को ब्लेक लिस्टेड करने के लिए प्रस्ताव भेजा। गत वर्ष मार्कफेड ने समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी कर श्री गोविंद वेयरहाउस अजनेरी में रखी गई थी। लेकिन लगभग 10 हजार क्विंटल मूंग में कंकड़ पत्थर व दाल मिली पाई गई जिसे वेंडर ने रिजेक्ट कर दिया है। वेंडर द्वारा रिजेक्ट मूंग का मूल्य लगभग 14 करोड़ रुपए आंका गया। करोड़ों रुपए की हजारों क्विंटल मूंग रिजेक्ट होने पर प्रशासन ने जांच दल गठन किया। जिसमें मार्कफेड के विजय चौहान, कृषि विभाग ने सोहागपुर कृषि विस्तार अधिकारी आरएस राजपूत और वेयरहाउस कॉरपोरेशन से राहुल शर्मा शामिल थे। इस जांच दल के प्रतिवेदन के बाद वेयरहाउस संचालक सुमी सोमानी इंदौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति के मार्गदर्शन में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई मूंग की ई-नीलामी की थी। ई नीलामी के दौरान पिपरिया के मेसर्स महेश ट्रेडर्स ने मूंग की खरीदी की। वेयरहाउस में रखी मूंग को जब खरीददार ने उठना शुरू किया तो मूंग में बड़ी मात्रा में मिट्टी और कंकड़ मिले हुए पाए गए। मामले को लेकर खरीदार ने विपणन संघ को पत्र लिखकर शिकायत की और बताया कि वेयरहाउस में जो मूंग रखी गई है वह गुणवत्ता विहीन मूंग है। जिसमें अत्यधिक मात्रा में कंकर पत्थर और अमानक स्तर की मूंग मिली हुई है जिसको को हम नहीं ले सकते। शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए। जांच के लिए गठित समिति में कृषि, वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन एवं विपणन संघ के अधिकारियों ने मिलकर जांच की और रिपोर्ट भेजी। उप संचालक कृषि विभाग जेआर हेड़ाऊ ने जानकारी दी कि श्री गोविंद वेयरहाउस में मार्कफेड द्वारा रखी गई मूंग की जांच कराई तो पाया गया कि 15 स्टैग में बाहर की बोरियो में अच्छी किस्म की मांग थी। परंतु स्टैग के अंदर की बोरियों के सैंपल लिए तो उनमें में अधिक मात्रा में अमानक मूंग, मिट्टी और कंकड़ पत्थर मिले। मूंग की बोरियों में सिलाई भी डबल पाई गई। समिति द्वारा खरीदी के दौरान लगाए गए टैग भी बोरियों पर नहीं मिले, जांच दल की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया कि वेयरहाउस संचालक द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी गई मूंग में हेरा फेरी कर शासन को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया। जांच के पश्चात शनिवार रात ग्राम अजनेरी स्थित गोविंद वेयरहाउस संचालक पर सोहागपुर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई एवं वेयरहाउस को ब्लेक लिस्टेड करने शासन को प्रस्ताव भेजा है। वहीं वेयरहाउस में रखी सरकारी मूंग के रखरखाव में दोषी अधिकारियों पर भी प्रशासन कड़ी कार्यवाही कर सकता है।
ई-नीलामी द्वारा खरीदी गई मूंग को लेकर महेश ट्रेडर्स द्वारा पिछले वर्ष भी ग्राम ग्राम खेड़ी स्थित महालक्ष्मी वेयरहाउस में राखी मूंग की भी शिकायत की गई थी। तब भी खरीददार द्वारा वेयरहाउस में रखी मूंग में मिलावट करने का आरोप लगाया गया था। परंतु जब तक जांच दल वेयरहाउस पहुंचता तब तक खरीदार द्वारा बड़ी मात्रा में वेयरहाउस में रखी मूंग को उठा लिया गया था। जिससे जांच के दौरान वेयरहाउस में रखी मूंग में मिलावट नहीं पाई गई थी।
जांच के दौरान कुछ लोगों को बचाने का प्रयास
करोड़ों रुपए की सरकारी मूंग में हेराफेरी के मामले में वेयरहाउस संचालिका पर तो एफआईआर दर्ज कर दी गई। परंतु जांच के दौरान कई बिंदुओं को अनदेखा किया गया। जिससे यह प्रतीत होता है कि जांच के दौरान कुछ दोषियों को बचाने का प्रयास किया गया। अगर वेयरहाउस में रखी मूंग में हेरा फेरी की गई है तो वेयरहाउस की चाबियां किसके पास थीं क्योंकि नियम के अनुसार एक चाबी वेयरहाउस संचालक तो दूसरी वेयरहाउस कारपोरेशन के मैनेजर के पास होती है। जब तक दोनों चाबियां ना हो वेयरहाउस नहीं खोला जा सकता। तो फिर वेयरहाउस संचालक अकेले कैसे हेराफेरी कर सकता है। क्योंकि जब तक वेयरहाउस कारपोरेशन के मैनेजर की चाबी ना मिले वेयरहाउस खोला ही नहीं जा सकता। मामले में वेयरहाउस कॉरपोरेशन मैनेजर को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। यदि वेयरहाउस कारपोरेशन का मैनेजर दोषी नहीं है तो फिर वेयरहाउस ही नहीं खुला होगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि खरीदी के दौरान समिति प्रबंधक की लापरवाही या मिली भगत के चलते अमानत स्तर की कंकड़ एवं मिट्टी मिली हुई मूंग की खरीदी की गई होगी। यदि ऐसा है तो समिति प्रबंधक भी मामले में आरोपी होना चाहिए था। अगर मामले की पूरी बारीकी से जांच की जाए तो और भी कई लोग दोषी हो सकते हैं जिन पर भी एफआईआर होना चाहिए।
सभी वेयरहाउसों की होनी चाहिए जांच
श्री गोविंद वेयरहाउस में करोड़ों रुपए की मूंग हेराफेरी का मामला उजागर होने के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि इसी तरह से अन्य वेयरहाउस जहां पर पिछले वर्षों में समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई थी उनकी जांच की जाए तो वहां भी अमानत स्तर की मूंग मिल सकती है। क्योंकि खरीदी के दौरान अमानक स्तर की मूंग खरीदी की चर्चाएं क्षेत्र में आम थीं। क्षेत्र के नागरिकों की प्रशासन से मांग है कि सभी वेयरहाउसों और गोदाम में रखी सरकारी मूंग एवं अन्य फसलों की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए और इन वेयरहाउस में भी गड़बड़ी मिलने पर दोषियों पर भी कार्यवाही होना चाहिए।
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