हरदा जिले की सीमा से होकर गुजरे इन्दौर-नागपुर फोरलेन हाइवे ने जहां शहर के हेवी ट्राफिक को एक डायवर्ट करने में अहम भूमिका निभाने को तत्पर है। वहीं दूसरी ओर शहर में बढ़ते यातायात दबाव को कम करने की दिशा में मगरधा रोड से डबल डाटक के बीच बनने वाले बायपास की कार्रवाई ने रफ्तार पकड़ रखी है। इसी तरह छोटीहरदा से खंडवा रोड के बीच बनने वाले टू-लेन रिंग रोड बायपास की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। यहां बताना होगा कि शहर को यातायात के बढ़ते दबाव से मुक्त करने की दिशा में ये दोनों बायपास शहर की ट्राफिक व्यवस्था को पहले ओर ज्यादा बेहतर बनाएंगे। दोनों बायपास करीब 40 करोड़ रूपये की लागत से बनाए जाएंगे।
रितेश त्यागी , हरदा। शहरी सीमा में हेवी ट्राफिक को दृष्टिगत रखने के साथ साथ भविष्य को शीर्ष पर रखकर विस्तार किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले की सीमा से गुजरे फोरलेन हाइवे सुगम ट्राफिक तथा विकास के नये द्वार खोलने के समान है। वहीं दूसरी ओर इन्दौर रोड स्थित छोटीहरदा से व्हाया रिझाडिया से खंडवा रोड तक टू-लेन रिंग रोड प्रस्तावित है, जो कि शहर के बाहर से गुजरेगा। इसके अलावा मगरधा रोड से बाहर की बाहर रेलवे डबल फाटक तक बायपास निर्माण की कार्रवाई तेज गति से चल रही है। इन सबके अस्तित्व में आते ही शहर के चारों तरफ बायपास का जाल बिछ जाएगा। जिसका सर्वाधिक फायदा शहरी क्षेत्र को मिलेगा। जहां लोगों को अनर्गल ट्राफिक से निजात मिलने के साथ साथ आवागमन की सुविधा ओर अधिक सुगम हो सकेगी। अधिकारिक जानकारी के मुताबिक मगरधा रोड से होशंगाबाद रोड के बीच प्रस्तावित बायपास निर्माण कार्य का टेंडर हो चुका है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द यह धरातल पर दिखाई देने लगेगा। वहीं इसके बनने के बाद मगरधा क्षेत्र के ग्रामीणों लंबा फेर लगाने े मुक्ति मिलेगी। वे बायपास लगकर शहर के बाहर निकल आएंगे। यही फायदा इस तरफ के लोगों को भी मिलेगा। इस संबंध में सुभाष पाटिल एई लोक निर्माण विभाग ने बताया कि कुल साढ़े 4 किलोमीटर सीसी रोड बनाई जाना है। जिस पर 14 करोड़ ९० लाख रूपये खर्च होगा। इसमें अजनाल नदी पर बनने वाला पुल भी शामिल हैं। जिसका निर्माण सेतु निगम करेगा।
जानमाल का नही रहेगा जोखिम
बायपास बनने से जहां ट्राफिक डायवर्ट हो सकेगा। वहीं बायपास से लगे गांव को भी सड़क सुविधा का लाभ मिलेगा। इन सबके बीच सबसे खास बात यह कि अब बिरजाखेड़ी के रहवासियों को जानमाल का जोखिम नही रहेगा। दरअसल, बारिश समेत अन्य दिनों में उस पार रहने वाले लोग पैदल पानी से होकर नदी पार करते थे। इस दौरान ग्रामीण छोटे-छोटे बच्चों को कांधे पर बैठाकर नदी पार करते थे, जबकि दूसरे हाथ में सामान की गठरी हुआ करती थी। उनकी ये जद्दोजहद कई दशकों से जारी है। परंतु , अब ग्रामीणों को सुगम आवागमन की सौगात मिलने जा रही है।
तो ध्वनि व वायु प्रदूषण से निजात
बता दें कि वर्तमान में मुख्यालय पर भारी वाहनों की आवागजाही ने सारी व्यवस्था ध्वस्त कर रखा है। इन सबके बीच ओवरब्रिज की कमी यहां हर रोज लोगों को ध्वस्त व्यवस्था की ओर ध्यान दिलाती है। क्योंकि, फाटक बंद होने के दौरान वाहनों की कतार लग जाती है। वहीं प्रेशर हार्न की गूंज लोगों को ध्वनि प्रदूषण का अहसास करा देती है। इस बारे में जागरूक लोगों का कहना है कि रिंग रोड और मगरधा बायपास बनने से शहरी क्षेत्र में दो फायदे दिखेंगे। पहला ध्वनि प्रदूषण कम होगा, वहीं दूसरा वायु प्रदूषण की रफ्तार भी कम पड़ेगी।
फेक्ट फाइल…
योजना का नाम — मगरधा बायपास
कुल लागत — १४ करोड ९० लाख
सड़क की लंबाई — साढ़े ४ किलोमीटर
सड़क की चौड़ाई — साढ़े 5 मीटर
इनका कहना है….
मगरधा रोड से व्हाया बिरजाखेड़ी होकर बनने वाले बायपास के लिये टेंडर हो चुके हैं। आगे की कार्रवाई जारी है। टू-लेन रिंग रोड बायपास के लिये फसल कटाई के बाद सीमांकन कर फायनल सर्वे करेंगे।
सुभाष पाटिल,
एई लोक निर्माण विभाग