नितेश गोयल हरदा:-ना तो हमारे माता-पिता इस हत्यारी फैक्ट्री में काम करते थे और ना ही हमारा इस पटाखे की फैक्ट्री से कोई संबंध था आज इस हत्यारी फैक्ट्री के कारण मेरी तीन बहने और मुझ पर से माता-पिता का साया ही उठ गया हम पूरी तरह से अनाथ हो गए इस विस्फोटक हादसे में हमारा पूरा घर भी तबाह हो गया अब हमारा क्या होगा यह तो भगवान ही जाने हमारा कसूर सिर्फ इतना था कि हम इस फैक्ट्री के पास में रहते थे इस फैक्ट्री के धमाकों से उठे बवंडर ने हमारे माता-पिता को हमसे छीन लिया यह बात और कोई नहीं बल्कि उसे फैक्ट्री के समीप रहने वाले एक परिवार के मासूम राजा चंदेल की है जो अपने माता-पिता और तीन बहनों के साथ हंसी खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहा था लेकिन उसके जीवन में कल सुबह 11:00 बजे ऐसा तूफान आया कि उसके सारे सपना ही बिखर कर रह गए फटाका फैक्ट्री में हुए इस भीषण विस्फोट के कारण उसके घर के साथ ही उसके पिता मुकेश चंदेल और उसके उसकी माता उषा चंदेल दोनों ने ही अपनी जान गावा दी साथ ही अब उनका घर भी इस भीषण विस्फोट की चपेट में पूरी तरह तबाह हो गया मासूम राजा ने बताया कि हमारा क्या कसूर था ऐसी हत्यारी फैक्ट्री को यहां पर किसने दे दी हम कोई आज से नहीं रह रहे थे बरसों से रह रहे थे टनो से यहां पर बारूद आकर उसके बम बनते थे कई बार कॉलोनी वालों ने इस फैक्ट्री को बंद करने की गुहार भी लगाई लेकिन किसी भी व्यक्ति ने इसे बंद नहीं करवा पाए आज इस हत्यारी फैक्ट्री के कारण मैं और मेरी तीन बहने पूरी तरह अनाथ हो गई है यह कहानी किसी एक घर की नहीं बल्कि यहां रहने वाले लगभग एक सैकड़ा परिवारों की है जिन्होंने इस फैक्ट्री के कारण अपना सब कुछ गवा दिया बरसों से जो मेहनत कर अपना आशियाना बनाया था वह पूरी तरह इस फैक्ट्री ने तो तबाह कर दिया अब भले ही शासन प्रशासन कितनी ही मदद की बात कर ले लेकिन इस मासूम को अपने माता-पिता का साया नहीं दे सकती है

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