पावर आफ अटार्नी प्राप्त व्यक्ति द्वारा किए गए कार्य मालिक द्वारा किए गए ही माने जाते हैं

अनोखा तीर, इंदौर। किसी व्यक्ति द्वारा अपनी ओर से किसी कार्य को करने के लिए दिए जाने वाले अधिकार को कानूनी भाषा में पावर आफ अटर्नी कहा जाता है। आम भाषा में इसे मुख्त्यारनामा भी कहा जाता है। व्यक्ति अगर बीमार है या किसी अन्य कार्य में व्यस्त हो तो ऐसे में वह व्यक्तिगत रूप से कहीं उपस्थित होकर किसी दस्तावेज या किसी कार्य का निष्पादन नहीं कर पाता है।

ऐसी स्थिति में वह पावर आफ अटार्नी के माध्यम से अपने किसी विश्वासपात्र व्यक्ति को अपनी तरफ से संबंधित कार्य के लिए अधिकृत कर सकता है। इसे ही पावर आफ अटार्नी कहा जाता है। यह दो तरह की होती है। पहली होती है जनरल पावर आफ अटार्नी और दूसरी होती है स्पेशल पावर आफ अटार्नी।

एडवोकेट अमित सिंह सिसौदिया ने बताया कि जनरल पावर आफ अटार्नी में किसी व्यक्ति को एक से अधिक कार्य निष्पादित करने के लिए नियुक्त किया जाता है जबकि स्पेशल पावर आफ अटार्नी में किसी व्यक्ति को किसी एक विशेष कार्य को करने के लिए नियुक्त किया जाता है। पावर आफ अटार्नी के तहत कोई भी व्यक्ति न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत करने के लिए किसी व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता है।
पावर आफ अटार्नी के जरिए कोई दस्तावेज निष्पादित करने, हस्ताक्षर करने, किसी शासकीय कार्यालय में कार्य करने, किसी व्यापार के संचालन, संपत्ति की खरीदी-बिक्री के लिए अपने किसी विश्वासपात्र व्यक्ति को अधिकार दिए जाते हैं। पावर आफ अटार्नी प्राप्त व्यक्ति द्वारा किए गए कार्य को ऐसा ही माना जाता है जैसे कि वह कार्य उसने मालिक की हैसियत से ही किए हैं।
विदेश से भी भेजी जा सकती है पावर आफ अटार्नी
अगर कोई व्यक्ति देश के बाहर विदेश में नौकरी कर रहा है और उसकी उसकी अचल संपत्ति भारत में है तो ऐसी स्थिति में वह विदेश से पावर आफ अटार्नी भेजकर भारत में रह रहे किसी व्यक्ति को अपनी संपत्ति को विक्रय करने, विक्रय की राशि प्राप्त करने, शासकीय कार्यालयों में उपस्थित होकर उसके स्थान पर हस्ताक्षर करने, संपत्ति के संबंध में निर्णय लेने आदि के संबंध में पावर आफ अटार्नी दे सकता है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पावर आफ अटार्नी को रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य नहीं होता, लेकिन अगर इसके माध्यम से अचल संपत्ति क्रय-विक्रय के अधिकार दिए जा रहे हैं तो इसका रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है।
पावर आफ अटार्नी किसी ऐसे व्यक्ति के पक्ष में निष्पादित की जा रही है जो रक्तसंबंधी नहीं है तो संपत्ति की गाइड लाइन मूल्य का 6 प्रतिशत स्टांप शुल्क देना होता है। जनरल पावर आफ अटार्नी एक हजार रुपये के स्टांप शुल्क पर निष्पादित की जाती है। इसी तरह स्पेशल पावर आफ अटार्नी 500 रुपये के स्टांप शुल्क पर निष्पादित की जाती है।
पावर आफ अटार्नी सिर्फ उसी व्यक्ति को जो वयस्क है, स्वस्थ मस्तिष्क का है और दिवालिया नहीं है को ही दी जा सकती है। पावर आफ अटार्नी देने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर पावर आफ अटार्नी स्वत: शून्य हो जाती है। बावजूद इसके अगर कोई व्यक्ति मृत व्यक्ति द्वारा दी गई पावर आफ अटर्नी का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज हो सकता है।

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