अंजुरी का लोकार्पण ! श्रेष्ठ प्रतिभाओं का सम्मान कहानी में काव्यांश अव्वल, फोटोग्राफी में अंशिका

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 बच्चों में बौद्धिक एवं साहित्यिक क्षमता को बढ़ाने तथा साहित्य के प्रति बच्चों को प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रेमशंकर रघुवंशी फाउंडेशन के प्रयास निरंतर जारी हैं। हर साल की तरह इस साल भी कहानी एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता कराई गई। जिसमें बच्चों ने उत्साह के साथ भाग लिया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर रविवार को होटल रूद्राक्ष में एक कार्यक्रम हुआ। जहां क्षेत्र के अलावा अन्य साहित्यिक हस्तियों ने शिरकत की। इस मौके पर पुस्तक अंजुरी का लोकार्पण किया गया। वहीं प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार भी बांटे गए।  

अनोखा तीर, हरदा। बच्चों में बौद्धिक एवं साहित्यिक क्षमता को बढ़ाने तथा उनकी कल्पनाओं को मंच मुहैया कराने की दिशा में फाउंडेशन के प्रयास अनुकरणीय हैं। यही क्षेत्र की साहित्यिक धरोहर स्वर्गीय प्रेमश्ंाकर रघुवंशी की कार्यशैली रही है। वे प्रतिभाओं को जहां एक नजर में पहचान जाते थे । प्रतिभाओं को परखने की तीक्ष्ण दृष्टि उनके पास मौजूद थी। उन्हीं की याद में हर साल साहित्यिक गतिविधियां उनके स्वप्नों को उड़ान देता है। साथ ही लेखन तथा लेखक को भावपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराता है। यह बातें स्थानीय रूद्राक्ष होटल में मुख्य वक्ता मनोज जैन ने प्रेमशंकर रघुवंशी फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित लोकार्पण एवं पुरस्कार वितरण समारोह में कही। उन्होंनें कहा कि रचनाधर्मिता जन्मजात ही नही बल्कि प्रेरित करके भी जाग्रत की जा सकती हैं। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध व्यंग्यकार एवं साहित्यकार कैलाश मंडलेकर ने कहा कि हमारे जीवन में नजरिये का बड़ा महत्व हैं। कहानी एक ऐसी विधा है, जो कल्पनिक पात्रों को जीवंत रूप देती है। इसी क्रम में कलाकार का कला से जीवंत रिश्ता जरूरी है। चरित्र एवं आचरण में लेखन की प्रबृत्ति को समझने पर श्रेष्ठ कहानी का उदय तय है। अच्छी कहानी लिखने के लिए समर्पण चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ आनन्द झवर ने की। इस दौरान मनोज जैन, कैलाश मंडलेकर के अलावा कमलेश सक्सेना भी विशेष रूप से उपथित रहे। इससे पहले अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सर्वप्रथम छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। तत्पश्चात सुश्री हंसा व्यास ने स्वागत भाषण दिया। संपूर्ण कार्यक्रम का डॉ ज्ञानेश चौबे ने सफल संचालन किया। वहीं अंत में संजय तेनगुरिया ने सभी का आभार व्यक्त किया।

कहानी प्रतियोगिता

प्रथम — काव्यांश मालवीय, सोनिया उइके

द्वितीय — चारुल अग्रवाल, निहारिका सोलंकी

तृतीय — महक सिसोदिया, कोपल राजपूत

फोटोग्राफी प्रतियोगिता

प्रथम — अंशिका जैन टिमरनी, पंकज गार्गे

द्वितीय — जितेंद्र गन्दवाने, जयादित्य पाटिल

तृतीय — खुशी अग्रवाल, वंशिका दीक्षित

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