आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय के प्रथम तल पर शौचालय का दृश्य है। जहां व्यवस्था वेंटीलेटर पर है। वहीं आसपास गंदगी का वातावरण है। जिसमें पिकदान में तब्दील दीवार के कोने तथा यहां-वहां कचरे का ढ़ेर देखने को मिल जाएगा, जो कहीं ना कहीं स्वच्छता व्यवस्था में लापरवाही का संकेत है। वहीं प्रबंधन की भी अनदेखी उजागर होती है। जबकि, प्रशासन के जिम्मे शहरी क्षेत्र समेत गांव-गांव स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने की जबावदेही है। साथ ही स्वच्छता कार्यक्रमों का क्रियान्वयन भी उन्हीं के दायरे में है। बावजूद प्रशासनिक केन्द्र खुद अव्यवस्थाओं से घिरा है। इतना ही नही, यहां विभागीय कक्षों की खिड़की से कई मौकों पर कचरा सीधे नीचे फेंक दिया जाता ह, जो देखते ही देखते कचरे में ढ़ेर में तब्दील हो जाता है। वहीं कार्यालय की सुनसान जगहों पर भी यही हाल है। जिस पर एक ना एक दिन कलेक्ट्रेट पहुंचने वाले लोगों की नजर पड़ जाती है। ऐसी स्थिति में उनके मुंह से निकल ही पड़ता है, कि यह बात गलत है।
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