यह बात गलत है….

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आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह मुख्यालय पर आए दिन का मामला है। जब, ट्रालियों में असुरक्षित ढंग से लोहे के सरिये यहां से वहां ले जाए जाते हैं। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से कोई उपाय नजर नही आता है। जानकारी के अनुसार शहर के ग्रामीण अंचल समेत अन्य इलाकों में लोहे का सरिया ले जाते वक्त खासी लापरवाही बरती जाती है, जो वाहन दुर्घटना की ओर इशारा करता है। क्योंकि, ट्रेक्टर-ट्राली में सरिया ले जाते समय वह ऊपर-नीचे लहराता है। ऐसे में आसपास से निकलने वाले वाहन उसकी जद में आने का डर रहता है। इसीलिये लोग ट्राली से बचकर निकलते हैं। वहीं दूसरी ओर कृषि कार्य में उपयोग होने वाली ट्राली से इस तरह का परिवहन कहां तक सही है ? यह चर्चा चल पड़ी है। इस संबंध में जागरूक नागरिकों का कहना है कि सरिये भरी ट्राली अचानक रूक जाएं तो पीछे वाला व्यक्ति अप्रिय हादसे का शिकार हो सकता है। इसके लिये जरूरी है कि सभी सरिये को कपड़ा, वारदान समेत अन्य चीजों की मदद से सुरक्षित ले जाएं। ताकि अप्रिय हादसे की आशंका को विराम लग सके। फिलहाल इस कार्रवाई के अभाव में लोग यह नजारा देखकर कहना नही चूकते, कि यह बात गलत है।

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