नर्मदा तटीय गांव में धार्मिक उत्साह … आस्था में तब्दील हुआ पहाड़ी पर मिला पत्थर
पत्थर में श्रीगणेश की झलक रही छवि - पूजन-पाठ समेत दर्शन का लगा तांता
हंडिया से पश्चिम दिशा में करीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम सिगौन के रहवासियों में धार्मिक उत्साह है। गांव से लगी पहाड़ी पर करीब 400 फीट की ऊंचाई पर मंगलमूर्ति भगवान श्रीगणेश की आराधना प्रारंभ हो चुकी है। दरअसल, विगत दिनों पहाड़ी पर साफ-सफाई करते वक्त ग्रामीण अंतरसिंह को एक दुर्लभ पत्थर मिला, जो हू-ब-हू भगवान श्रीगणेश की तरह दिख रहा था। अब पहाड़ी के उसी समतल मैदान में पहले से बने औटले पर गणेश महाराज को रखकर उनकी नियमित पूजा शुरू की है। ग्रामीणों के मुताबिक आगामी दिनों में यहां शनिदेव की प्राण-प्रतिष्ठा प्रस्तावित है। उसी समय भगवान श्रीगणेश की विधिपूर्वक स्थापना करेंगे।
पहाड़ी पर इसी पत्थर की पूजा
पहाड़ी से नर्मदा का दृश्य
अनोखा तीर, हरदा। हंडिया तहसील के नर्मदा तटीय ग्राम सिगौन में गांव से सटी पहाड़ी पर एक ग्रामवासी को भगवान श्रीगणेश की तरह दिखने वाला दुर्लभ पत्थर मिला, जो देखने पर गणपति बप्पा की तरह दिख रहा है। अब पहाड़ी के उसी स्थान पर श्रीगणेश को विराजमान कर उनकी आराधना प्रारंभ कर दी है। वहीं आगामी दिनों में शनिदेव की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी है। इसी पूजन के साथ भगवान श्रीगणेश को विधि विधान से स्थापित करने की बात कही जा रही है। फिलहाल श्रीगणेश की आकृति वाले पत्थर को भक्तों ने नर्मदा जल से शुद्ध कर वहीं पहले से बने औटले पर रख दिया है। भगवान श्रीगणेश का मुख्य नर्मदा की तरफ यानि उत्तर दिशा में है। इसके अलावा यहां स्थान की देखरेख तथा नियमित पूजन का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। साथ ही पहाड़ी पर हरियाली के उद्देश्य से फूल तथ फलदार वृक्ष भी लगाएं हैं, जो स्थान की सुंदरता को ओर अधिक बढ़ाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव से लगी इस पहाड़ी पर एक महात्मा राम नाम के जाप में लीन हैं। मूलत: हरियाणा के रहने वाले महात्मा शांतचित होने के साथ साथ तप, जाप एवं अनुष्ठानों को महत्वता देते हैं। संक्षिप्त चर्चा दौरान महात्मा जी ने बताया कि नर्मदा खंड में ईश्वर की भक्ति का अलग ही आनंद है। इस स्थान से प्रात:काल कलकल बहती मॉ नर्मदा के दर्शन मन को शंाति व सद्मार्ग प्रशस्त करता है। वहीं गौमाताओं का भी भरपूर सानिध्य मिल रहा है, जो आराधना को ओर अधिक प्रभावी बनाने के साथ ही ग्राम समेत आसपास के इलाके में खुशहाली व उन्न्ति का परिचायक है। संतश्री ने बताया कि दिनों दिन दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ रही है।
सफाई करते वक्त मिला पत्थर
गांव के अंतरसिंह ने बताया कि गांव से लगी पहाड़ी पर साफ-सफाई दौरान यह अद्भुत पत्थर मिला था, जो देखने पर श्रीगणेश की मूर्ति समान दिख रहा था। इस बारे में अन्य लोगों को बताया, वहीं आपसी विचार-विमर्श के बाद दुर्लभ पत्थर हो सेहजने का फैसला लिया है। इसके बाद से सेवा कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है।
ऊंची पहाड़ी पर गजानंद का डेरा
अंतरसिंह समेत अन्य धर्मप्रेमियों ने मिलकर सेवा भाव की दृष्टि से उस पत्थर को पहाड़ी विराजित कर दिया है, जो फिलहाल अस्थाई स्थापना है। भक्तों के मुताबिक आगामी दिनों में यहां शनिदेव की प्राण-प्रतिष्ठा प्रस्तावित है। इसके लिए मूर्ति आ चुकी है। प्राण-प्रतिष्ठा के समय भगवान गणेशजी की भी विधिपूर्वक स्थापना कराएंगे।
पहाड़ी से नर्मदा का मनोरम दृश्य
उल्लेखनीय है कि जिले का नर्मदा तटीय क्षेत्र पर्यटन की अपार संभावनाओं से लबालब है। यहां कल-कल बहती नर्मदा के हरियाली से घिरे घाट तथा पुरातत्व धरोहर पर्यटकों के लिये एक नया अनुभव से कम नही हैं। जरूरत है क्षेत्र के प्रमुख स्थानों को संवारने की। क्योंकि, कई स्थान विकसित होने के लिये ललायित हैं। इसी क्रम में ग्राम सिगौन की पहाड़ी पर धार्मिक स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। इसकी मुख्य वजह पहाड़ी से मॉ नर्मदा का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है, वहीं शाम के वक्त नर्मदा की कल-कल ध्वनि भक्तिभाव में सरोबर कर देती है। ग्रामीणों के मुताबिक पहाड़ी गांव से सटी होने के कारण आवागमन सुलभ है। ग्रामवासी पूजा-अर्चना समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे।