अनोखा तीर, हरदा। प्राकृतिक खेती के जनक ताराचंद बेलजी के जिला प्रवास के दूसरे दिन यानि शुक्रवार को जैविक कृषकों के साथ महत्वपूर्ण तत्य साझा किए गए। साथ ही क्षेत्रीय एवं वैश्विक समस्याओं में भारत की भूमिका विषय पर गहन मंथन हुआ। कहा कि भारतीय कृषि पद्धित प्राचीनतम होने के साथ साथ गौरवशाली है। वहीं विभिन्न त्यौहारों का कृषि तथा कृषि व्यवस्था से सीधा जुड़ाव है। इसके अलावा प्रशिक्षण के द्वितीय राउंड में कृषि में तकनीकी प्रशिक्षण एवं मिट्टी के जीवाश्म जीव व बैक्टेरिया के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की गई। श्री बेलजी के साथ जैविक कृषकों के दल ने करीब दर्जनभर खेतों पर भ्रमण कर मिट्टी की सेहत पर प्रकाश डाला। इस मौके पर ताराचंद बेलजी ने कहा कि खेती को रासायनिक दवाओं से छुटकारा दिलाना ही हम सबका संकल्प है। साथ ही किसानों को उन्नतशील बनाने के अलावा देश में जैविक क्रांति की दरकार है। प्रशिक्षण में बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया।
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