अनोखा तीर, हरदा। जिले में बालू रेत का अवैध उत्खनन बेखौफ चल रहा है। मजदूरों के जरिये नर्मदा से रेत निकाली जा रही है, जो किश्तियों में भरकर घाट पर उतारने का सिलसिला जारी है। छीपानेर से लेकर ऊंचान घाट तक कई जगहों पर धड़ल्ले से रेत निकाली जा रही है। इसका मुख्य कारण खनिज, राजस्व एवं पुलिस बल की लचर कार्यप्रणाली है। यही कारण है कि सालों बाद भी अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर पूर्णत: अंकुश नही लगा है। जिसके चलते ग्रामीणों क्षेत्रों की सड़के समय से पहले दम तोड़ रही हैं, वहीं शासन को भी लाखों रूपये राजस्व हानि हो रही है। बावजूद , प्रशासन के सारे प्रयास फेल साबित हो रहे हैं। जबकि इस दिशा से प्रशासन ने सख्त रूख इख्तियार करते हुए जिले के 6 प्रमुख स्थानों पर खनिज जांच नाका स्थापित करने की कवायद की थी। इसकी शुरूआत में अवैध उत्खन एवं परिवहन के कारोबार से जुड़े लोगों में खलबली मच गई थी। वहीं प्रशासन के रूख को भांपकर अपने-अपने वाहनों को साइड लगाने लगे, जो अब तक थमे हुए हैं। किंतु ट्रेक्टर-ट्रालियों के घाट पर पहुंचने का क्रम जारी है। इन सबके बीच नर्मदा तटीय ग्राम सिगौन में रायआंगन की पहाड़ी के आसपास किश्तियों से रेत ढ़ोने की खबर सामने आ रही है। यह भी कि अधिकांश ट्रालियां लोड की जा रही हैं। उन्होंनें यह भी बताया कि इस पार के अलावा उस पार भी रेत उतरती है। रायआंगन पहाड़ी के ऊपर से रेत के अवैध कारोबार की तस्वीर साफ नजर आएगी।
पहाड़ी की आड़ में हाथ साफ
बता दें कि सिगौन का ये इलाका रायआंगन की पहाड़ी कहलाता है, जो कि सिगौन और ऊंचान के मध्य शांत जगह है। यहां तक पहुंचना थोड़ा कठिन है। बस इसी बात का फायदा उठाते हुए इस अवैध कारोबार में लिप्त लोग रेत पर हाथ साफ करने में जरा नही चूक रहे।
..तो समझो इधर से उधर पहुंचे
ग्रामीणों के मुताबिक ये सुनसान जगह गांव से करीब एक-डेढ़ किलोमीटर दूर है। यहां पहुंचने के लिए रास्ते भी उबड़खाबड़ हैं। उस तरफ बढ़ने वाले वाहनों की खबर तुरंत उन तक पहुंच जाती है। यही कारण है कि भनक लगते ही किश्तियां की दिशा बदल जाती है।