..और जनता को भा गए मोहन

प्रहलाद शर्मा

कहते हैं पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं। मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार का एक माह का कार्यकाल भी कुछ इसी तरह दिख रहा है। जब १३ दिसंबर को मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में डॉ.मोहन यादव ने शपथ ली थी, तो सभी हतप्रभ थे कि तमाम दिग्गजों को दरकिनार करते हुए भाजपा आलाकमान ने यह क्या कर दिया। लेकिन अभी महज एक माह का ही कार्यकाल बीता है कि डॉ.मोहन यादव ने अपनी कार्यशैली से जनता के बीच वह छाप कायम करना शुरु कर दिया जिसे प्रदेश के पिछले तमाम मुख्यमंत्री लंबी कवायद के बाद भी हासिल नहीं कर पाए थे। प्रदेश में मामा-भैया के रूप में विख्यात हुए शिवराज सिंह चौहान को भी जनता के बीच अपनी स्वीकारिता हासिल करने में लंबा समय लगा था। लेकिन डॉ.यादव ने ३० दिनों के अपने कार्यकाल में ही अपनी कार्यशैली से यह संदेश प्रदेश की जनता के बीच देने में कामयाबी हासिल की है कि यह जनता की सरकार जनता के लिए है। शाजापुर कलेक्टर द्वारा बस ड्रायवर के साथ किए गए व्यवहार को तत्काल संज्ञान में लेते हुए जो कार्यवाही डॉ.यादव ने की वह इसी बात का सीधा संदेश है। इसी तरह पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में बड़ी घटनाओं पर अक्सर छोटे कर्मचारियों पर गाज गिरा करती थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने गुना बस हादसे के बाद नीचे से ऊपर तक तमाम अधिकारियों को नापते हुए यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब ऐसी किसी भी घटना पर छोटी मछलियों को नहीं, बड़े मगरमच्छों को पकड़ा जाएगा। सीएमओ से लेकर कमिश्नर तक एक साथ तत्काल कार्यवाही करते हुए डॉ.यादव ने प्रशासनिक हलके को अपने सख्त तेवरों से अवगत करा दिया। जबकि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंचों से अधिकारियों को उल्टा टांग देने जैसी कई हिदायतें तो देते रहे लेकिन ऐसी कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली। एक माह के अल्प कार्यकाल में ही मुख्यमंत्री ने ४५ आईएस अधिकारियों, ११ आईपीएस और १ कमिश्नर को हटाकर प्रशासनिक कसावट और लापरवाही के प्रति अपने सख्त रवैये का संदेश देने का कार्य किया है। पूर्ववर्ती सरकार पर लगे अधिकारी राज के तमगे को दूर करते हुए घटना घटित होने पर जहां २४ घंटे के भीतर ही कलेक्टर और एसपी जैसे अधिकारियों को वल्लभ भवन का रास्ता दिखाया, तो वहीं वल्लभ भवन के वातानुकूलित कमरों में बैठे अधिकारियों को भी संभागीय जोन प्रभारी बनाकर कार्याे के प्रति जबावदेही का एहसास कराया है। हमने देखा है कि १५ वर्षों के भाजपा शासनकाल पश्चात जब कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आई थी, तो मुख्यमंत्री पहले दिन से ही खजाना खाली होने का रोना रोते नजर आए थे। लेकिन शिवराज सरकार के बाद जब प्रदेश की बागडोर डॉ.मोहन यादव ने संभाली तो उन्होंने बेहतर वित्तीय प्रबंधन का संकेत देते हुए विपक्षियों के मंसूबो पर पानी फेरने का काम भी किया है। जहां डॉ.यादव ने २१८ करोड़ की लागत से १८७ स्वास्थ्य संस्थाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन किया, तो वहीं १ करोड़ ९४ लाख जनजातीय बहनो को पोषण आहार के लिए २९ करोड़ ११ लाख का अंतरण भी किया। लाड़ली बहनों को दी जाने वाली राशि को लेकर लगाए जाने वाले तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए नियत तिथि पर पूर्व की भांति ही १ करोड़ २९ लाख लाड़ली बहनों को १५७६ करोड़ रुपए का भुगतान प्रदान किया। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी जाने वाली गारंटियों पर अमल करने का संदेश देते हुए तेंदुपत्ता संग्रहकों की बोनस राशि में वृद्धि करते हुए ४ हजार रुपए बोरा देने का आदेश भी पारित किया। इसी तरह ५६ लाख हितग्राहियों को ३४१ करोड़ की पेंशन व आर्थिक सहायता प्रदान की। सत्ता के संचालन में वरिष्ठों का साथ और मार्गदर्शन बनाए रखते हुए जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती, शिवराजसिंह चौहान से सौजन्य भेंट की तो वहीं विपक्षीय मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के कमल नाथ से भी भेंट करने उनके निवास पर पहुंचे। ग्वालियर के लाल टिपारा गौशाला से उन्होंने गौवंश संरक्षक व संवर्धन का संकेत दिया तो वहीं प्रदेश में खुले में मांस की बिक्री और लाउड स्पीकर के कोलाहल जैसे विषयों पर संज्ञान दिया। राजधानी में बैठकर सत्ता का संचालन न करते हुए जहां अपनी पहली केबिनेट बैठक जबलपुर में आयोजित की, तो वहीं ग्वालियर, इंदौर, रीवा जैसे महानगरीय क्षेत्रों व संभागों में सीधे पहुंचकर विकास कार्यों की सीधी समीक्षा भी की। भारत सरकार की परिकल्पना के अनुसार आजादी के १०० वर्ष पर विकसित भारत की टीम को दृष्टिगत रखते हुए डॉ.यादव ने अपने प्रशासनिक महकमे को आगामी २३ सालों के लिए प्रदेश का एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए। वहीं दूसरी ओर अपनी पार्टी के घोषणा पत्र के प्रति भी जवाबदेही को महसूस करते हुए अगले १ साल और ५ साल का एक्शन प्लान बनाने के लिए भी सभी विभागों को तागिद किया है। देश की आस्था के प्रति अयोध्या में बन रहे प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भी डॉ.यादव ने उतनी ही सजगता दिखाई है। पूरे प्रदेश में २२ जनवरी प्राण-प्रतिष्ठा दिवस को धूमधाम से मनाने के जहां प्रशासनिक स्तर पर आदेश पारित किए, तो वहीं सार्वजनिक क्षेत्र में भी पूरा उत्साह भरने का कार्य कर रहे हैं। महाकाल नगरी उज्जैन से ५ लाख लड्डू अयोध्या भेजने तथा प्राण प्रतिष्ठा उपरांत मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत प्रदेश की जनता को अयोध्या भेजने की घोषणा भी की है। इस तरह अगर हम मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के बीते एक माह के कार्यकाल पर नजर डालते हैं तो यह स्पष्ट नजर आता है कि यह जनता को जनता की सरकार देने वाला तथा आमजनता के मन का मुख्यमंत्री होना प्रतीत होता है। मैं उनके उपलब्धिपूर्ण, जन अपेक्षानुकूल सफल कार्यकाल की कामना के साथ शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं।

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