अनोखा तीर, हरदा। शाजापुर जिले में ट्रक ड्राईवर हड़ताल के दौरान कलेक्टर द्वारा एक ड्राईवर से कहे गए शब्दों की गूंज सीधे सरकार के कानो तक पहुंची और सरकार ने कलेक्टर को बता दी उनकी औकात। ट्रक ड्राईवर की बैठक दौरान शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल ने एक ड्राईवर से कहा था कि तुम्हारी औकात क्या है। इस विषय को प्रदेश के नए कप्तान मोहन यादव ने गंभीरता से लिया। उन्होंने आनन-फानन में कलेक्टर को उनकी वास्तविक औकात दिखाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश की सरकार अधिकारियों की नहीं, बल्कि जनता की सरकार है। मुख्यमंंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि यह गरीबों की सरकार है। मैं स्वयं मजदूर परिवार का बेटा हूं। जिस तरह की भाषाशैली का इस्तेमाल किया गया, एक मनुष्यता के नाते हम ऐसी भाषा को बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सबके काम का सम्मान होना चाहिए और भाव का भी सम्मान होना चाहिए। डॉ.यादव ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीब कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। हमारी सरकार लगातार गरीबों की सेवा और उनकी समस्याओं का समाधान करने में जुटी हुई है। उन्होंने प्रदेश के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि अधिकारी अपनी भाषा और व्यवहार का ध्यान रखें। निश्चित ही आज मुख्यमंत्री द्वारा शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल को हटाकर वहां नरसिंहपुर कलेक्टर ऋजु वाफना को शाजापुर का कलेक्टर बनाया जाना पूरे प्रदेश के प्रशासनिक महकमे को स्पष्ट संदेश है कि वह अपनी वाणी और शैली में सुधार करें। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल दौरान प्रशासनिक हल्के को लेकर अक्सर आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे कि यह अधिकारियों की सरकार है और अधिकारियों के मनमाफिक चलती है, परंतु अब परिदृश्य बदल गया है। मध्यप्रदेश में नई सरकार को बने अभी एक माह भी पूरा नहीं हुआ है और इस दौरान प्रदेश के नए मुखिया डॉ.मोहन यादव ने अपने सख्त फैसलों से यह संदेश दे दिया है कि अब अधिकारी नहीं जनता का राज चलेगा। उन्होंने बीते दिनों गुना बस हादसे में आरटीओ और सीएमओ से लेकर प्रमुख सचिव तक को हटाने की जो तत्काल कार्यवाही की है, ऐसा प्रदेश के बीते २० वर्षों के इतिहास में कभी देखने को नहीं मिला। ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश में पहले ऐसी कोई दुर्घटनाएं घटित नहीं हुई हो, लेकिन सरकार के मुखिया ने छोटी मछलियों को ही अपने आक्रोश का शिकार बनाते हुए मगरमच्छो पर हाथ डालने की कभी जहमत नहीं उठाई। डॉ.मोहन यादव ने बीते एक सप्ताह में ऐसे सख्त निर्णय लेकर जनता को विश्वास दिलाने का प्रयास किया है कि यह सरकार जनता की है और जनता के हित में ही निर्णय लेगी। वहीं अधिकारियों को अपने इन निर्णयों से स्पष्ट कर दिया है कि वह नौकरशाह है और जनता के हित में कार्य करना ही उनका मूल कर्तव्य है। निश्चित ही मुख्यमंत्री के इस तेवर का पूरे प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र पर सीधे-सीधे असर पड़ना लाजमी है। मुख्यमंत्री की इन कार्यवाईयों की जनता और मीडिया दोनों में ही भरपूर सराहना की जा रही है।
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