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एक जनवरी को खरगोन से केंद्रीय मंत्री अमित शाह मप्र को देंगे साइबर तहसील की सौगात

भोपाल। एक जनवरी 2024 से मध्य प्रदेश के शेष 43 जिलों में साइबर तहसील शुरू हो जाएंगी। खरगोन में एक जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश को साइबर तहसील की सौगात देंगे। शाह एक जनवरी को खरगोन पहुंचेंगे और साइबर तहसील के शुभारंभ के अलावा मध्य प्रदेश को अन्य विकास कार्यों की सौगात देंगे।

सीएम ने दिया था आमंत्रण

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अमित शाह को दिल्ली जाकर साइबर तहसील के शुभारंभ कार्यक्रम का आमंत्रण दिया था। जिसे शाह ने स्वीकार लिया है। इस व्यवस्था से रजिस्ट्री के बाद नामांतरण, अविवादित नामांतरण के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना होगा। रजिस्ट्री के 15 दिनों के भीतर ही नामांतरण हो जाएगा, इसके लिए अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।

अभी 12 जिलों में ही साइबर तहसील की व्यवस्था
अभी केवल 12 जिलों में ही साइबर तहसील की व्यवस्था लागू है। शेष 43 जिलों में अब भी दफ्तर के चक्कर लगाने होते हैं, लेकिन एक जनवरी से अन्य 43 जिलाें में भी साइबर तहसील की व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके लिए अलग से स्टाफ भी रखा जाएगा और प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय में भी स्टाफ बढ़ाया जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक एक जनवरी 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था प्रदेश के सभी 55 ज़िलों में लागू करने का निर्णय लिया था।
दतिया और सीहोर से शुरू हुआ था पायलट प्रोजेक्ट
मध्य प्रदेश में सबसे पहले दतिया एवं सीहोर दो जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत साइबर साइबर तहसील लागू की गई थी। इसके लिए तत्कालीन गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा प्रयासरत थे। इसके बाद छह इंदौर, हरदा, डिंडौरी एवं सागर जिले में साइबर तहसील लागू की गई। साइबर तहसील आगर मालवा, बैतूल, उमरिया, श्योपुर, विदिशा एवं ग्वालियर छह जिलों में प्रभावशील की गई। इस तरह डेढ़ साल में साइबर तहसील सिर्फ 12 जिलों में ही प्रभावशील थी। अब यह साइबर तहसील शेष 43 जिलों में भी एक जनवरी से लागू की गई है।
फेसलेस और पेपरलेस है साइबर तहसील में व्यवस्था
प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की व्यवस्था जून, 2022 से लागू की गई है। इसे साइबर तहसील नाम दिया गया है। इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फेसलेस, पेपरलेस तरीके से आनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वतः हो जाता है और खसरे तथा नक्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है। वर्तमान में यह व्यवस्था प्रदेश के 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू है। इसके माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।

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