मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के बिना ही हो रही वाहनों की जांच

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इंदौर। वाहनों के फिटनेस का काम एआरटीओ के जिम्मे है। वे आफिस की फाइलें निपटाने के साथ वाहनों की फिटनेस की प्रक्रिया भी निपटा रहे हैं। वाहनों की बाहरी जांच कर कैमरे से फोटो लेकर फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। वाहनों की आंतरिक जांच नहीं हो रही है, क्योंकि इंदौर में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर नियुक्त नहीं है।

पूरे प्रदेश में 45 के करीब मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के पद खाली पड़े हैं। परिवहन विभाग द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के दौरान देखा जाता है कि वाहन सड़क पर चलने की हालत में है या नहीं। वाहन के ब्रेक, स्टीयरिंग, बाडी, गियर, इंजन, चेसिस, टायर की हालत, हेडलाइट, साइड ग्लास और रेडियम पट्टी की जांच की जाती है।

मोटर व्हीलर इंस्पेक्टर मशीनों के साथ ही फिजिकली सभी की जांच करता है। मापदंड पर खरा उतरने के बाद फिटनेस प्रामाण पत्र दिया जाता है, लेकिन इंदौर में इस व्यवस्था का पालन नहीं हो पा रहा है। यहां वर्षों से मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर का पद खाली है। दो एआरटीओ के जिम्मे विभाग के अधिकांश काम का दायित्व है।

ऐसे मिलता है फिटनेस प्रमाण पत्र

परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल पर आनलाइन टैक्स जमा किया जाता है। टैक्स जमा होने के बाद फिटनेस की तारीख मिलती है। परिवहन कार्यालय वाहन को भेजना पड़ता है। यहां वाहन में ग्लास, इंडिकेटर, लाइटिंग, रेडियम पट्टी और स्पीड गवर्नर की जांच कर फोटो की जाती है। आगे-पीछे और साइड से गाड़ी का फोटो करने के बाद सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।

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