उज्जैन। उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे परियोजना पुनर्जीवित हो गई है। पहले टेंडर के रद्द होने के महीनों बाद नेशनल हाइवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने 1762 मीटर लंबे रोपवे के लिए एक नया टेंडर जारी किया है, जिसमें प्राप्त प्रस्तावों पर जल्द ही स्वीकृति की मुहर लगने की उम्मीद है। सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ सप्ताह में कार्य आदेश जारी हो जाएगा।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप माडल
रोपवे परियोजना, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप माडल पर तैयार 153 करोड़ 54 लाख रुपये के निवेश की परियोजना है। रोप-वे का बोर्डिंग स्टेशन इंदौरगेट रेलवे स्टेशन के समीप माल गोदाम साइड बनेगा। दूसरा रोप-वे स्टेशन त्रिवेणी संग्रहालय के सामने पार्किंग स्थल पर बनेगा। ये तीसरा स्टेशन महाकालेश्वर मंदिर के पास गणेश कालोनी (रूद्रसागर में निर्माणाधीन पैदल पुल के शुरुआती छोर के समीप) से लिंक होगा।
हवाई सफर सिर्फ पांच मिनट का रहेगा
यानी श्रद्धालु चाहेंगे तो सीधे रेलवे स्टेशन से इस पुल तक पहुंच पाएंगे। ये हवाई सफर सिर्फ पांच मिनट का होगा, जिसके लिए श्रद्धालुओं को 200 रुपये तक चुकाना पड़ेंगे। मालूम हो कि रोप-वे बनाने के लिए साल 2022 में भी निविदा आमंत्रित की गई थी मगर इसे बाद में कथित कारणों से रद्द कर दिया गया था।
परियोजना को 24 महीने में विकसित करने की बात
परियोजना को 24 महीने में विकसित करने, तत्पश्चात उसका संचालन, रखरखाव भी चयनित होने वाली फर्म को ही करने का जिक्र टेंडर में है। रोपवे सिस्टम, मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला तकनीक पर डिजाइन पर तैयार किया है, जिसके स्काई कोच में बैठकर एक घंटे में अधिकतम दो हजार यात्री सफर कर सकेंगे।
20 महीने पहले नितिन गडकरी ने की थी घोषणा
20 महीने पहले 24 फरवरी 2022 को उज्जैन में 5722 करोड़ रुपये की 534 किलोमीटर लंबी 11 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास करने आए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे बनवाने की घोषणा की थी। कुछ महीने बाद उन्होंने रोप-वे निर्माण के लिए 209 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। कहा था कि रोप-वे बनने से उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर की दूरी पांच मिनट में तय होगी। रोप-वे स्टेशन पर लोगों को फूड जोन, प्रतीक्षालय, शौचालय के साथ बस एवं कार पार्किंग की सुविधा मिलेगी। इससे सड़क पर यातायात का दबाव काफी हद तक कम होगा।
स्वीकृति के बाद स्थानीय अफसराें ने जमीनी सर्वे कर रोप वे स्टेशन बनाने को तीन जगह चिह्नित की। एक स्थान महाकाल मंदिर प्रशासक कार्यालय के सामने तय किया, मगर यहां रोप वे की ऊंचाई मंदिर के शिखर से अधिक होने के कारण स्थान बदल दिया गया। अंतत: तय हुआ कि रोप-वे का एक स्टेशन इंदौर गेट रेलवे स्टेशन के मालगोदाम परिसर में, दूसरा त्रिवेणी संग्रहालय परिसर के सामने और तीसरा चारधाम मंदिर पहुंच मार्ग पर बन रहे पैदल ब्रिज के छोर पर बनाया जाएगा।
तकिया मस्जिद से लगी जमीन खाली कराना बाकी
रोप-वे परियोजना का स्टेशन बनाने के लिए जमीन तय है मगर रिक्त नहीं है। तकिया मस्जिद से सटी जमीन पर मल्टीलेवल पार्किंग संग रोप-वे का तीसरा स्टेशन बनाना तय हुआ है। वर्तमान में यहां की 2.135 हेक्टेयर जमीन पर 253 मकान बने हुए हैं। इन्हें हटाने के लिए प्रशासन पिछले वर्ष धारा 11 लागू कर धारा 21 का प्रकाशन कर चुका है।
कहा गया है कि यहां 2000 वाहन पार्क कराने को मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाएगी। इसका प्रस्ताव उज्जैन विकास योजना- 2024 में है। पार्किंग परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इधर, रेलवे स्टेशन परिसर में रोप-वे स्टेशन बनाने को जमीन का आवंटन अब तक रेलवे द्वारा न किए जाने की खबर है। कार्रवाई कागजी प्रक्रिया में अटकी पड़ी है।
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