मध्य प्रदेशहरदा

2023 को विदा व 2024 के स्वागत की तैयारी… नये साल में नई उड़ान को उत्सुक हरदा

फसल उत्पादन में पहचान बरकरार  

फोरलेन से बढ़ेगी विकास की रफ्तार

 

बीतें दो दशक में सड़क, बिजली और सिंचाईं व्यवस्थाओं के मामले में निरंतर प्रगति के चलते जहां हरदा जिला आत्मनिर्भर हुआ है, वहीं नये साल में विकास की नई उड़ान भरने को लालयित है। विकास की यह रफ्तार राहतमय साबित हुई है, क्योंकि मूलभूत अधोसरंचना पर फोकस रखने के साथ ही आमजन से जुड़े छोटे-छोटे कार्यो को सुगम व सरल बनाने में सफल हो पाएं हैं। इस बीच नया साल, नई सरकार और नए कार्यो की गारंटी ने आमजन को एक बार फिर उम्मीदों के पंख लगाएं हैं।

प्रस्तावित हरदा रेलवे स्टेशन की झलक

 

अनोखा तीर, हरदा। सड़क, बिजली – सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के मामलों में आत्मनिर्भर हरदा जिला नये साल, नई सरकार और नई गारंटियों के बीच विकास की नई उफान भरने को उत्सुक है। हालांकि, इसका श्रेय पूरे दो दशक से प्रदेश में निरंतर दौड़ रहे विकास के पहिये को जाता है। जिसके अंतर्गत प्रदेशभर में सड़कों का जाल बिछाया गया। खासकर शहर और गांवों की कनेक्टिविटी को केन्द्र में रखकर काम किया गया। इसमें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की भी महती भूमिका रही। फलस्वरूप क्षेत्र में अमूलचूक बदलाव की तस्वीर जन-जन के सामने है। इसी तरह बिजली के मामले में पहले की तुलना व्यवस्था अब चुस्त-दुरूस्त है। शहरी क्षेत्र में जहां निर्वाध 24 घंटे तथा ग्रामीण अंचलों में निर्धारित शेड्यूल अनुरूप बिजली मुहैया कराई जा रही है। सड़क और बिजली इन दोनों मूलभूत सुविधाओं के चलते गांवों की दशा बदली है। वहीं सिंचाईं इंतजामों में लगातार वृद्धि होने से किसान खुशहाल हुए हैं। इन सबके मध्य प्रस्तावित गंजाल-मोरंड परियोजना एवं शहीद इलापसिंह लघु सिंचाईं परियोजना उन खेतों को हरियाली का वरदान देगी, जहां सिंचाईं के इंतजाम ना के बराबर तथा खेत पर पानी ले जाना चुनौती से कम नही है। ऐसे किसानों के लिए यह सिंचाईं योजना मील का पत्थर साबित होगी। एक मोटे अनुमान के मुताबिक हजारों एकड़ जमीन में फसलें लहलह उठेंगी, जो किसानों को आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर करेगा। इसी तरह नए साल में सुगम यातायात की दृष्टि से छोटी हरदा और कडौला के बीच टू-लेन रिंग रोड , खिरकिया ओवरब्रिज सहित अलग-अलग ब्लाक में पुल-पुलियाओं का श्रृंखलाबद्ध निर्माण कार्य प्रस्तावित है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की आवागमन व्यवस्था पहले से ओर अधिक बेहतर होना तय है।

फोरलेन बनने से बढ़ेगी रफ्तार

उल्लेखनीय है कि हरदा से इन्दौर, खंडवा, होशंगाबाद और बैतूल सहित सभी बड़े रूट की सड़के चकाचक हैं। पहले जहां 150 किलोमीटर का सफर तय करने में 7 से 8 घंटे लगते थे, वहीं उतनी ही दूरी अब 4 घंटे में तय कर सकेंगे। हरदा से गुजरा इन्दौर-नागपुर हाइवे अब फोरलेन में तब्दील होने जा रहा है। इसका काम तय मापदंडो के मुताबिक अपनी निर्धारित गति से चल रहा है। दावा किया जा रहा है कि नये साल में जनता को समर्पित हो जाएगा। इसके चलते अपार संभावनाओं लबालब हरदा जिले में उद्योग-धंधों के अवसर पैदा होंगे। वहीं सबसे महत्वपूर्ण शहरी क्षेत्र की आंतरिक ट्राफिक व्यवस्था में सुधार होगा। खासकर लंबे रूट के हेवी वाहन बाहर के बाहर निकल सकेंगे। जिससे शहर को बेलगाम यातायात से मुक्ति मिल सकेगी।

18 करोड़ से संवर रहा रेलवे स्टेशन  

रेल सेवा में सुविधाओं का विस्तार करने के क्रम में हरदा रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार की अमृत भारत योजना अंतर्गत हरदा रेलवे स्टेशन पर करीब 18 करोड़ रूपये की लागत से आधुनिक स्टेशन बनाने की कवायद प्रारंभ हो चुकी है। वहीं साढ़े 15 करोड़ रूपये से खिरकिया स्टेशन को संवारा जा रहा है। ढ़ाई करोड़ रूपये की लागत से सर्व सुविधायुक्त एफओबी का निर्माण तथा डेढ़ करोड रूपये से कंट्रोल पैनल को हाइटैक बनाने का काम तेजी से चल रहा है। प्लेटफार्मो की लंबाई बढ़ेगी, साथ ही स्टेशन परिसर को अंदर-बाहर से आधुनिक लुक देगें। इसके अलावा लिफ्ट वाला फुट ओवरब्रिज, आधुनिक वॉटर बूथ, परिसर का सौंदर्यीकरण व आकर्षक द्वार का निर्माण शामिल है। वहीं दिव्यांगजनों के लिए रैम्प की सुविधा उपलब्ध रहेगी। अधिकारियों के मुताबिक हरदा रेलवे स्टेशन को रानी कमलापति की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।

राहत…

जिले में बन रहे फोरलेन हाइवे तथा शहर के बाहर से प्रस्तावित रिंग रोड के बनने से यहां की यातायात व्यवस्था में व्यापक सुधार नजर आएगा। लंबे रूट पर चलने वाले भारी वाहन बाहर से ही निकल जाएंगे। जिसके चलते शहरवासियों को बेलगाम ट्राफिक से निजात मिलेगा। वहीं डबल फाटक पर आए दिन लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी। फिलहाल इनके अभाव में शहर में ट्रक, डंपर सहित अन्य बड़े वाहनों की लंबी लाइन यहां आंतरिक व्यवस्था को मानो ध्वस्त कर देती है।

विस्तार…

बिजली के मामले में पहले से बेहतर सेवाएं मिल रही हैं। इस बीच व्यवस्था को ओर अधिक बेहतर बनाने के उद्देश्य से हरदा को दो नए फीडर की सौगात मिली है, जो एक वार्ड 35 ऊडा तथा दूसरा वार्ड 31 बैरागढ़ में बनना प्रस्तावित है। इसके लिए ऊडा में जगह मिल चुकी है। जबकि बैरागढ़ में तलाश अब भी जारी है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक दोनों फीडर बनने से अतिरिक्त भार, फॉल्ट व बिजली गुल की समस्या खत्म होगी।

सुविधाएं…

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की दिशा में शासकीय जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर, दो ऑक्सीजन प्लांट समेत अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं का विस्तार हुआ है। जिसमें डायलिसिस यूनिट, सीटी स्कैन, ब्लड बैंक, डिजिटल एक्स-रे, पोषण आहार केन्द्र, महिला व बच्चा वार्ड के अलावा पुरानी बिल्डिंग की जगह नया अस्पताल भवन तैयार किया जा रहा है, जो सर्व सुविधायुक्त होने के साथ साथ यहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को एक नई ऊंचाई प्रदान करने जा रहा है।

सफलता …

इसी तरह कृषि प्रधान हरदा जिले में गेहूॅ एवं सोयाबीन यहां की प्रमुख फसलें हैं। लेकिन विगत 10 सालों से क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन मूंग का जोर है। खासकर बीतें तीन-चार साल से किसानों का इस ओर रूझान बढ़ा है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार की कृषक हितैषी सोच तथा जनप्रतिनिधियों की तत्परता के चलते गर्मी के दिनों में सिंचाईं के लिए नहरे चलाई गई , वहीं मूंग की सरकारी खरीदी भी सुनिश्चित कराने में सफल रहे हैं।

यह काम प्रस्तावित ….

खिरकिया में ओवरब्रिज

बिछौला-खरदाना के बीच पुल

चार अन्य नदियों पर ऊंचे पुल

शहर के बाहर टू-लेन रिंग रोड

शहर में खेल इंडोर स्टेडियम

शहर में पार्क का कायाकल्प

यह निर्माणाधीन ….

हरदा से गुजरा फोरलेन-हाइवे

करोड़ों की लागत से अस्पताल भवन

सिंचाई योजना अंतर्गत बैराज निर्माण

भिरंगी में ओवरब्रिज का ले-आउट

तीनों ब्लाक में सीएम राइज स्कूल

मंडी के कायाकल्प का सिलसिला

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