अनोखा तीर, हरदा। स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय में विकसित भारत २०४७ पर एक दिवसीय विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें प्राध्यापकों, विषय विशेषज्ञों तथा विद्यार्थियों ने विकसित भारत की आवश्यकताओं और लक्ष्यों- एवं सुदृढ़ अर्थव्यवस्था, नवप्रवर्तन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सुशासन एवं सुरक्षा तथा विश्व में भारत जैसे विषयों पर अपने विचार रखे। सर्वप्रथम संगोष्ठी के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए डॉ.सीपी गुप्ता ने कहा कि 2047 में हमारा देश आजादी के 100 वर्ष पूर्ण करेगा। इस अभियान का उद्देश्य महाविद्यालयों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं के विचारों को विकसित भारत 2047 पोर्टल के माध्यम से जानना है। क्योंकि विश्व शक्ति और विश्व गुरु की परिकल्पना भारत के युवाओं के विचारों और अकांक्षाओं को समाहित किए बिना संभव नहीं है, इसलिए सभी विद्यार्थी आगे आएं और प्रधानमंत्री श्री मोदी के देश के आधारभूत आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय, सुशासन सहित टिकाऊ विकास के भावी स्वरूप एवं संकल्प के हमराही बनकर सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। वास्तव में युवा युग परिवर्तक भी है और उसका लाभार्थी भी। इस दिशा में उपरोक्त विषयों पर चर्चा, परिचर्चा, भाषण, वाद-विवाद, पोस्टर मेकिंग एवं सोशल मीडिया का उपयोग कर छात्रों को प्रेरित किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था की प्राचार्य डॉ.संगीता बिले ने किया। उन्होंने सभी युवा विद्यार्थियों का आवाह्न किया कि आज हमें इस अमृत काल में राष्ट्र को विश्व के शिखर पर स्थापित करने के लिए स्वयं से ही और आज से ही प्रयास करना होगा, हमारे प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि यह सही समय है, क्योंकि किसी भी राष्ट्र का विकास उसके युवाओं के विकास और उनके दृष्टिकोण पर ही निर्भर करता है अर्थात किसी भी देश का विकास युवाओं के जोश और बुजुर्गों के होश पर केंद्रित होता है। अगली कड़ी में बोलते हुए कला संकाय प्रभारी डॉ.धीरा शाह ने कहा कि वास्तव में भारत गांव में ही बसता है इसलिए गांव की समस्याओं के समाधान हेतु हमारे गांव का विद्यार्थी सार्थक और अनुकरणीय विचार और आइडिया विकसित भारत 2047 पोर्टल में अपलोड करके महाविद्यालय, समाज, जिला और राष्ट्र को गौरव प्रदान कर सकता है। साथ ही सर्वश्रेष्ठ विचार अपलोड करने का पुरस्कार भी जीत सकता है। अगली कड़ी में अर्थशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ निर्मला डोंगरे, राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रा इकाई प्रभारी डॉ.रश्मि सिंह, बसंतसिंह राजपूत, भौतिक विज्ञान के अतिथि विद्वान मनीष परसाई के साथ-साथ अनेक विद्यार्थियों ने अपने-अपने आइडिया संगोष्ठी में प्रस्तुत किए। अंत में हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ.धर्मेंद्र कोरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
Views Today: 4
Total Views: 44