इंदौर। मतगणना के लिए टेबलों पर पहुंची इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की बैटरी 90 प्रतिशत और ज्यादा चार्ज होने पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। इंदौर के क्षेत्र तीन से कांग्रेस के उम्मीदवार दीपक पिंटू जोशी ने इस बारे में आलाकमान को रिपोर्ट सौंपी है। भोपाल प्रदेश कांग्रेस को रिपोर्ट सौंपने के साथ पिंटू ने घोषणा कर दी है कि इस मामले में कांग्रेस की ओर से कानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी।
उनके मुताबिक मतगणना के दौरान इस पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन अधिकारियों ने आपत्ति स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। अप्रिय परिणामों और बड़ी हार के बाद कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है। भाजपा वाले इस शिगूफा और हार की खीज करार दे रहे हैं। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि यदि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं हुई तो बैटरी चार्ज होने का कारण अधिकारियों को बताना चाहिए।
जोशी ने नईदुनिया से चर्चा में कहा कि क्षेत्र तीन में 190 से ज्यादा वोटिंग मशीनें लगी थीं। पोलिंग पार्टी को मतदान के एक दिन पहले बैलेट यूनिट यानी वोटिंग मशीन और वीवीपेट दिए गए। इस दौरान मशीनों की बैटरी 99 से 95 प्रतिशत चार्ज होती है। अगले दिन सुबह से शाम तक करीब 10 घंटे इन मशीनों में वोटिंग हुई। इस दौरान कम से कम 20 प्रतिशत बैटरी पावर तो खर्च होना ही चाहिए। ऐसे में इनमें 70 से 75 प्रतिशत के आसपास बैटरी पावर शेष रहना चाहिए।
हमारे विधानसभा क्षेत्र में जब काउंटिंग के लिए टेबलों पर मशीनें आईं तो ज्यादातर में बैटरी 90 प्रतिशत से ज्यादा चार्ज थी। करीब 40 मशीनों में 98 से 99 प्रतिशत बैटरी चार्ज मिली। 30 मशीनों में 90 प्रतिशत से ज्यादा बैटरी पावर थी। करीब 100 मशीनें ऐसी थी जिनमें 85 से 90 प्रतिशत या ज्यादा बैटरी मिली। ऐसे में गड़बड़ी के संकेत मिल रहे हैं।
वोटिंग के बाद मशीनों को सील कर स्ट्रांग रूम में रख दिया जाता है। उस दौरान कोई उन तक नहीं पहुंच सकता। 15 दिन ये मशीनें स्ट्रांग रूम में रही ऐसे में बैटरी पावर और घटना ही था। सवाल है कि ऐसे में बैटरी चार्ज कैसे हो गई। क्या मशीनें वे हीं हैं जो वोटिंग के लिए इस्तेमाल हुई हैं?
आगर से भी मिला था
मशीनों के बैटरी पावर बढ़ने की शिकायत इंदौर तीन को आगर मालवा विधानसभा क्षेत्र का भी साथ मिल गया है। क्षेत्र के पूर्व विधायक और मौजूदा पराजित प्रत्याशी विपिन वानखेड़े ने कहा कि प्रदेश के नेताओं को हमने बता दिया है कि जनता के मतों को बदलने का काम तकनीक के जरिये किया गया है। हमारे क्षेत्र में मशीनों का बैटरी पावर 90 प्रतिशत से ज्यादा मिला। इसके साथ ही कुछ और बिंदु भी संज्ञान में आए हैं। सबकी रिपोर्ट भोपाल में बैठक में प्रस्तुत की गई है। इसके खिलाफ अब संघर्ष शुरू होगा।
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