खंडवा। ओंकारेश्वर भगवान 15 दिन के मालवा-निमाड़ भ्रमण के बाद मंगलवार को भैरव अष्टमी के दिन लौटेंगे। इसके बाद गर्भगृह में रात को शयन आरती उपरांत झूला, चौपड़, बिस्तर परंपरा अनुसार बिछने लगेंगे। कार्तिक सुदी अष्टमी को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान प्रतीकात्मक रूप से भ्रमण पर गए थे।
मंदिर ट्रस्ट के पं. आशीष दीक्षित ने बताया कि भगवान के लौटने पर पूजन, गणेशजी को चोला तथा प्रसादी का वितरण होगा। मूल स्वरूप का शृंगार किया जाएगा। साथ ही आचार्य पंडित राजराजेश्वर दीक्षित के सान्निध्य में पंडितों द्वारा धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहेंगे।
परंपरा अनुसार भोलेनाथ कार्तिक-अगहन माह में 15 दिन मालवा क्षेत्र के इंदौर, महू, धार, झाबुआ के अलावा निमाड़ क्षेत्र के खंडवा, खरगोन, बड़वानी सहित अन्य गांवों में भ्रमण करते थे। तब संसाधन के अभाव में अधिकांश लोग भोलेनाथ के दर्शन करने ओंकारेश्वर नहीं पहुंच पाते थे।
इस कारण पालकी में भोलेनाथ की मूर्ति को विराजित कर मालवा व निमाड़ क्षेत्र के गांवों में ले जाया जाता था। परंपरा को अब भी प्रतीकात्मक रूप से निभाया जा रहा है। भगवान ओंकारेश्वर मालवा-निमाड़ के भ्रमण पर जाने के दौरान 15 दिन मंदिर में भोग नहीं लगता है। वहीं, रात्रि में शयन आरती के बाद बिछने वाला बिस्तर, झूला और चौपड़ नहीं सजता है। मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती रात्रि में ओंकारेश्वर में ही विश्राम करते हैं।
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